सरोबगड़ में स्थित पतंजलि केन्द्र का निरीक्षण करते आचार्य बालकृष्ण
नवरात्रों के नौ दिन आचार्य बालकृष्ण केदारनाथ धाम में रहेंगे मौजूद
रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी किनारे स्थित पंतजलि केन्द्र का किया निरीक्षण 
27 सितंबर को करेंगे केदारनाथ के ऊपर स्थित वासुकीताल का भ्रमण
  रुद्रप्रयाग,पंतजलि योगपीठ हरिद्वार के महामंत्री एवं योगगुरू बाबा रामदेव के करीबी आचार्य बालकृष्ण केदारनाथ यात्रा पर पहुंचे हैं। आचार्य बालकृष्ण सात अक्टूबर तक केदारनाथ में ही मौजूद रहेंगे। इस बीच पांच अक्टूबर को योगगुरू बाबा रामदेव भी केदारनाथ पहुंचेंगे। केदारनाथ पहुंचने से पूर्व आचार्य बालकृष्ण ने रुद्रप्रयाग और श्रीनगर के बीच में धारी देवी मंदिर के निकट सिरोबगड़ में अलकनंदा नदी किनारे स्थित पंतजलि केन्द्र में पहुंचे। अलकनंदा नदी किनारे और घने जंगल के बीच में स्थित इस केन्द्र में पंतजलि की ओर से स्थानीय स्तर पर उत्पादित होने वाले मक्का, कददू, लाल एवं हरि मिर्च को बोया गया है। इसके अलावा यहां अनेक प्रकार की जड़ी-बूटी भी लगाई गई हैं। यहां उत्पादित होने वाली सब्जियों को देवप्रयाग के मूल्यागांव में स्थित पंतजलि आश्रम में पढ़ने वाले अनाथ बच्चों के लिये भेजी जाती है। धारी देवी मंदिर के निकट स्थित पंतजलि केन्द्र के जंगल में चंदन के पेड़ भी लगाये गये हैं। इस क्षेत्र में यह पेड़ सिर्फ यही स्थित हैं।
पंतजलि केन्द्र का निरीक्षण करते हुये आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पंतजलि का उददेश्य है कि पहाड़ में होने वाले पलायन पर रोक लगे और यहां के गरीब काश्तकारों को लाभ पहुंचे। पूरे गढ़वाल क्षेत्र में पंतजलि कई क्षेत्रों में कार्य कर रहा है। जड़ी-बूटी से लेकर साग-सब्जियां उगाई जा रही हैं और इन क्षेत्रों में कार्य करने वालों को रोजगार दिया जा रहा है। पंतजलि आज सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में एक है। देवप्रयाग के निकट मूल्या गांव में केदारनाथ आपदा में अनाथ बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। गढ़वाल क्षेत्र में भी अनेक प्रकार के कार्य किये जा रहे हैं। हरिद्वार के अलावा गंगोत्री, आदि क्षेत्रों में भी पंतजलि जनता के जीवन को उन्नत बनाने के लिये कार्य कर रही है। अपनी केदारनाथ यात्रा के बारे में आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि वह केदारनाथ पहुंचकर केदारनाथ धाम के ऊपर स्थित वासुकीताल का भी भ्रमण करेंगे। पूरे नवरात्र में सात अक्टूबर तक वहीं रहेंगे। नवरात्रों में केदारनाथ में देश एवं सम्पूर्ण मानव के कल्याण के लिये साधना की जायेगी।