देहरादून, जहां एक तरफ कोरोना से निपटने में शासन प्रशासन और समाजसेवियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है वहीं कुछ अवसरवादी लोगों द्वारा इस आपदाकाल को लाभ कमाने के अवसर के रूप मेें देखा जा रहा है। खाद्य पदार्थो की कालाबाजारी से लेकर यह अवसरवादी स्वास्थ्य सुरक्षा से जुड़े सामानों में गैरवाजिब तरीके से लाभ कमाने में जुटे हुए है।
बाजार में नकली सैनेटाइजर, मास्क से लेकर घटिया पीपीई किट बनाने और बाजार में बेचे जाने का मामला चिंतनीय विषय है। हल्द्वानी मैडिकल कालेज को दून की एक निजी कम्पनी द्वारा घटिया किस्म की पीपीई किट सप्लाई किये जाने का मामला प्रकाश में आते ही सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने तो इसे अत्यन्त गम्भीरता से लिया ही है और वेंडर कम्पनी का आर्डर कैंसिल करने से लेकर की गयी सप्लाई का भुगतान भी रोक दिया गया है। लेकिन अब इस मामले को नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा भी गम्भीरता से लेते हुए इस पर सुनवाई की जा रही है। दरअसल पीपीआई किट का इस्तेमाल उन हाईरिस्क कोरोना वारियंटर द्वारा किया जाता है जिनका कोरोना के मरीजों से सीधा सर्म्पक होता है। वह चाहे जांच के लिए नमूने एकत्रित करने वाली टीम हो या फिर कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले डाक्टर हो। ऐसी स्थिति में पीपीई किट की गुणवत्ता के साथ समझौता किया जाना किसी भी सूरत में इन कोरोना वारियर्स की जिन्दगी को खतरे में डाल देना है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार द्वारा स्वास्थ्य विभाग को इस बाबत सख्त निर्देश दिये गये है। जिसके आधार पर अब कोई भी अस्पताल बिना स्वास्थ्य विभाग की मंजूरी के खुद पीपीई किट नहीं खरीद सकेगा। यह आदेश सभी सरकारी अस्पतालों को दे दिये गये हैं। हाईकोर्ट में अब इस बात को देखा जायेगा कि लो कैटिगरी की यह किट किस स्थिति में अस्पताल में सप्लाई की गयी थी।
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Dehradun, while the administration and social workers have put their full strength in dealing with Corona on the one hand, this disaster is being seen by some opportunists as an opportunity to profit. From the black marketing of food items to the opportunistic health protection goods, they are engaged in making unprofitable profits.The issue of fake sanitizers, masks to substandard PPE kits and being sold in the market is a matter of concern in the market. The Government and Health Department have taken it very seriously as soon as the matter of supply of substandard PPE kit by a private company of Doon to Haldwani Medical College came to light and the order of cancellation of the supply of the vendor company was taken Payment has also been withheld.But now the matter is being taken seriously by the Nainital High Court. In fact, PPI kits are used by highrisk corona warriors who have direct contact with corona patients. Whether he is a team collecting samples for examination or a doctor treating corona patients. In such a situation compromising the quality of PPE kits is to endanger the life of these Corona warriors in any case.Strict instructions have been given to the Health Department by Chief Secretary Utpal Kumar. On the basis of which now no hospital will be able to buy PPE kit itself without the approval of Health Department. This order has been given to all government hospitals. It will now be seen in the High Court, under which condition this kit of low category was supplied in the hospital.
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