*एक सन्त*
*प्रात: काल भ्रमण हेतु*
*समुद्र के तट पर पहुँचे…*
*प्रात: काल भ्रमण हेतु*
*समुद्र के तट पर पहुँचे…*
*समुद्र के तट पर*
*उन्होने एक पुरुष को देखा जो एक स्त्री की गोद में सर रख कर सोया हुआ था.*
*उन्होने एक पुरुष को देखा जो एक स्त्री की गोद में सर रख कर सोया हुआ था.*
*पास में शराब की खाली बोतल पड़ी हुई थी.*
*सन्त बहुत दु:खी हुए.*
*सन्त बहुत दु:खी हुए.*
*उन्होने विचार किया कि ये मनुष्य कितना तामसिक और विलासी है, जो प्रात:काल शराब सेवन करके स्त्री की गोद में सर रख कर प्रेमालाप कर रहा है.*
*थोड़ी देर बाद समुद्र से बचाओ, बचाओ की आवाज आई,*
*सन्त ने देखा एक मनुष्य समुद्र में डूब रहा है,*
*मगर स्वयं तैरना नहीं आने के कारण सन्त देखते रहने के अलावा कुछ नहीं कर सकते थे.*
*मगर स्वयं तैरना नहीं आने के कारण सन्त देखते रहने के अलावा कुछ नहीं कर सकते थे.*
*स्त्री की गोद में सिर रख कर सोया हुआ व्यक्ति उठा और डूबने वाले को बचाने हेतु पानी में कूद गया.*
*थोड़ी देर में उसने डूबने वाले को बचा लिया और किनारे ले आया.*
*सन्त विचार में पड़ गए की इस व्यक्ति को बुरा कहें या भला.*
*वो उसके पास गए और बोले भाई तुम कौन हो, और यहाँ क्या कर रहे हो…?*
*उस व्यक्ति ने उत्तर दिया : —*
*मैं एक मछुआरा हूँ*
*मछली मारने का काम करता हूँ.आज कई दिनों बाद समुद्र से मछली पकड़ कर प्रात: जल्दी यहाँ लौटा हूँ.*
*मछली मारने का काम करता हूँ.आज कई दिनों बाद समुद्र से मछली पकड़ कर प्रात: जल्दी यहाँ लौटा हूँ.*
*मेरी माँ मुझे लेने के लिए आई थी और साथ में(घर में कोई दूसरा बर्तन नहीं होने पर) इस मदिरा की बोतल में पानी ले आई.*
*कई दिनों की यात्रा से मैं थका हुआ था*
*और भोर के सुहावने वातावरण में ये पानी पी कर थकान कम करने माँ की गोद में सिर रख कर ऐसे ही सो गया.*
*और भोर के सुहावने वातावरण में ये पानी पी कर थकान कम करने माँ की गोद में सिर रख कर ऐसे ही सो गया.*
*सन्त की आँखों में आँसू आ गए कि मैं कैसा पातक मनुष्य हूँ, जो देखा उसके बारे में*
*मैंने गलत विचार किया जबकि वास्तविकता अलग थी.*
*मैंने गलत विचार किया जबकि वास्तविकता अलग थी.*
*कोई भी बात जो हम देखते हैं, हमेशा जैसी दिखती है वैसी नहीं होती है उसका एक दूसरापहलू भी हो सकता है.*
*किसी के प्रति*
*कोई निर्णय लेने से पहले*
*सौ बार सोचें और तब फैसला करें*狼狼
*कोई निर्णय लेने से पहले*
*सौ बार सोचें और तब फैसला करें*狼狼
*क्या हमारी सोच भी ऐसी ही हो चुकी है, जो दिखाई दिया, खुद ही अपनी सोच बना लेते है*來來
*जी हाँ सच तो यहीं है…..*