रावण का वध करने और लंका के T-२० में राक्षसों को ईनिंग –डिफीट देने के बाद व सीरीज को विभीषण के नाम करने तथा उसे ट्राफी सौपने सौपने के बाद श्री रामचंद्रजी, हर साल की परंपरा की तरह , इस बार भी अयोध्या कूच कर रहे थे ? वैसे तो लक्षमण और हनुमान ने भी कह दिया था कि, प्रभु आप सीता मैया को लेकर दिवंगत रावण के पुष्पक विमान से नॉन -स्टॉप चले जाओ आराम से लेकिन भगवान को अपने कार्यकर्ताओं को छोड़कर जाना अच्छा नहीं लगा ?
और भगवान ने अयोध्या जल्दी जाकर करना भी क्या था ? उन्हें तो हमेशा की तरह नियत शेड़यूल के अनुसार विजयादशमी के 14 दिन बाद दीपावली के दिन अयोध्या पहुंचना होता है ? इस साल तो सुप्रीम कोर्ट ने दीपावली पर गाज ही गिरा दी थी ? उसने कहा फुलझड़ी जलाओ पर कंटरफोड़ या सुतली –बम मत फोड़ो और जो लाल-हरे फुसकेछोटे -छोटे बम भी तुम फोड़ोगे तो पहले तो वो ग्रीन होने चाहिए
और दूसरा रात को 8 से 10 बजे तक ही फोड़े जाने चाहिए ?
शुकर हुआ कोर्ट ने ये नहीं कहा कि ग्रीन –पटाके बनाने का लाइसेंस या ठेका केवल पतंजलि को ही दिया जाना चाहिए ? ठेके के मामले में देखा नहीं कि, राफेल को लेकर में कैसा बबाल मच रहा है कि, चौकीदार बोर है ? उसने सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एरोनाटिक्स को नजरअंदाज करके, बेतजुर्बेकार अंबानी को ठेका क्यों दिया ? खैर ये सब तो लंबी कहानी है ———–?
अभी तो क्या है कि भगवान राम अदृश्य होकर अपने दल -बल के साथ यात्रा कर रहे हैं और इस समय कहीं मध्यप्रदेश- राजस्थान के बॉर्डर के पास एक वन में टिके हैं और अभी 8 बजकर 13 मिनट पर एक पत्थर के ऊपर अकेले बैठकर धूप सेक रहे हैं और साथ में अख़बार भी पढ़ रहे हैं .
उनका फ़ौज –फाटा, वीक –एंड होने के कारण आराम से सोया हुआ है ? और सुबह उठकर करना भी क्या है ? कोई मार्निग –वाक् या पी.टी
परेड थोड़े ही करनी है , बस खाली यात्रा ही टी करनी है ,जो नहा-धोकर ,नाश्ता करके भी की जा सकती है ? शिवराज सिंह को किसीने एक तो भगवन के टूर के बारे में बताया नहीं था और दूसरा वो अपने विधानसभा के चुनावों को लेकर व्यस्त व्यस्त भी थे, नहीं प्रभु की अगवानी करने जरूर जाते ?
वैसे तो शिवसेना –प्रमुख उद्धव ठाकरे भी अयोध्या कूच कर रहे थे पर उन्हें भी किसीने इंफार्म नहीं किया वरना वो हिंदू -ह्रदय सम्राट होने के नाते भगवान के काफिले के साथ ही चल देते ? भगवान के मन में भी शिवसेना के प्रति साफ्ट –कार्नर है ,क्योंकि बाबरी मस्जिद गिराए जाने पर जहाँ कानून की गाज गिरने से बाकी सब घबराए हुए थे ,वहां स्वर्गीय बड़े ठाकरे साहब ने कहा था कि, बाबरी का विवादग्रस्त ढांचा , उनके ब्रेव –ब्वाईज ने ही ढहाया था ? खैर छोड़ो ———–
अचानक हनुमानजी ने पीछे से आकर कहा,गुडमार्निग प्रभु, पाय लागू ,चरण –स्पर्श ? हनुमानजी की आवाज सुनकर, भगवानजी ने पेपर साईड में रख दिया और कहा आओ हनुमान आओ, कैसे हो ? प्रभु ने पीछे मुड़कर, मुस्कराकर देखा तो हनुमानजी के दोनों हाथ में चाय के कप थे और उनके फुल भरा होने के कारण, थोड़ा –थोड़ा चाय छलक भी रही थी.
हनुमानजी के पास आ जाने पर भगवान ने उनके हाथ से एक कप लिया और उनको भी बाजू के छोटे पत्थर पर बैठने को कहा ? हनुमानजी बोले ,मै खड़ा ही ठीक हूँ प्रभु ? भगवान बोले—- अरे बैठ के इतमिनान से चाय पियो यार ,कौन सी ट्रेन छूटी जा रही है तुम्हारी ?
आपके सामने या बराबर में कैसे बैठ सकते हैं मालिक, हम तो सेवक हैं आपके ,आपके दास हैं ? यार हनुमान, बेकार की बात मत करो तुम ? तुम हमारे मित्र हो, सखा हो, बाकी स्टाफ से अपनी तुलना मत किया करो, कम आँन एंड सिट डाउन ? लेकिन हनुमान पत्थर पर न बैठकर , जमीन पर पालथी मारकर और रिलेक्स होकर बैठ गए ?
हनुमान जमीन पर गिरे अखबार के फड़फ़ड़ाते पन्नों पर एक दृष्टी डालकर बोले ? प्रभु आप बुरा न माने तो एक बात कहूँ, “ इसी बराबरी के चक्कर में, पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में और शायद एम.पी में भी गरीबों पर अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहे हैं ? वो इनकी बराबरी करना चाहते हैं और ये उनको उनका हक़ नहीं दे रहे हैं ? सरकारी नौकरी में भले ही सरकारों ने उनको आरक्षण तो दिया है पर अब नौकरियां भी देव –दुर्लभ होने के कारण बामण और ठाकुर उनके विरोध में लामबंद हो रहे हैं ?
उन पर अत्याचार कम होने की जगह कुछ –कुछ एरिया में बढ़ रहे थे तो फिर सरकार को उनके फेवर में एक अध्यादेश निकालना पड़ा और इसी चक्कर में सरकार की गोची हो गई और ऊपर से कई बामण-ठाकुर अलग से नाराज हो गए प्रभु ?
अच्छा यार हनुमान, जरा ये तो पता करो कि, सुप्रीम कोर्ट में हमारे केस का क्या हो रहा है ? कोई तो कह रहा था कि, कोर्ट त्वरित सुनवाई करके जल्दी ही फैसला देनेवाला है ? हनुमान बोले ,होने को तो कुछ तो जरूर हो जाता प्रभु पर ये सीबीआई का लफड़ा कैसे फंस गया बीच में ? इसके 2 टॉप -ब्रास अफसर आपस में बाली और सुग्रीव की माफिक लड़ पड़े आपस में, फिर मच घमासान और हो महाभारत ?
अच्छा यार हनुमान, ये बताओ कि सबरी मलाई किधर पड़ता है ? किष्किंधा से पास है या पम्पा-सरोवर वाले मार्ग से जाना पड़ता है ? हनुमान बोले थोड़ी देर में गूगल मैप में देखकर बताता हूँ भगवन, ?
प्रभु पता कल शाम को नल और नील क्या बात कर रहे थे ? नल कह रहा था नील से कि, अयोध्या पहुंचकर क्यों न हम सरयू नदी के उपर फ्लाई –ओवर बनाने का प्लान प्रस्तुत करें और दोनों की पार्टनरशिप 50-50कर लेंगे, पुल बनाने का एक्सपीरियंस तो हो ही गया है हमें, क्यों क्या बोलते हो नील ?
अच्छा यार हनुमान आजकल मंदिर की बड़ी याद आ रही है लोगों ? पहले तो लग रहा था कि, सरकार फुरसत से बनाऐगी मंदिर , इतमिनान से, आने दो कोर्ट का फैसला ? सरकार भी क्यों अल्पसंख्यकों की बददुआ मोल ले और वो भी चुनावी वर्ष में ?
करने दो निर्णय सुप्रीम कोर्ट को ही ,तीन –तलाक की तरह,ताकि सांप भी मर जाए और लाठी भी नहीं टूटेगी ?
पर प्रभु सरकार की भी कई मसलों की वजह से गले –गले आ गई है ? जैसे कि नोटबंदी, जी.एस.टी, एस.सी.-एस.टी.एक्ट ,पेट्रोल , खाते में 15 लाख ——अभी कईयों को लग रहा है कि, वोटों की फसल सूखने के बाद कोर्ट के फैसले की बारिश का क्या अचार डालना है ?———————