–मतदाताओं की खामोशी उम्मीदवारों का बढ़ा रही रक्तचाप
-तीन महिलाओं के बीच मचेगा घमासान
रुद्रप्रयाग, निकाय चुनाव में जैसे जैसे मतदान का दिन नजदीक आता जा रहा है, वैसे वैसे उम्मीदवारों की धड़कने भी बढ़ने लगी हैं। एक ओर जहां उम्मीदवरों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, वहीं मतदाताओं की खामोशी उम्मीदवारों का रक्तचाप बढ़ाने लगी हैं। अगस्त्यमुनि नगर पंचायत में महिला आरक्षित अध्यक्ष पद त्रिकोणात्मक संघर्ष में फंसा हुआ है। यहां पर अध्यक्ष पद पर भाजपा से बीना बिष्ट, कांग्रेस से राधा देवी तथा निर्दलीय अरूणा बेंजवाल चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा उम्मीदवार बीना बिष्ट पूर्व में नाकोट ग्राम की प्रधान के अलावा प्रदेश की भाजपा सरकार में दायित्वधारी रह चुकी हैं। ऐसे में उनका स्वयं का कद बड़ा है, मगर पिछले कई वर्षों से जनता के सीधे सम्पर्क में न रहने के कारण उन्हें शुरूआती चरण में कठिनाई का सामना करना पड़ा, लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं के समर्पित प्रचार तंत्र तथा भाजपा के कद्दावर नेता एवं निवर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष अशोक खत्री के पिछले पांच वर्षों में नगर में किए गये बेहतर कार्यों के बल पर अब वे मुख्य मुकाबले में दिख रही हैं। वहीं उन्हें केन्द्र एवं राज्य में भाजपा सरकार होने का भी फायदा मिल रहा है। वे अपने नौ सूत्रीय संकल्प पत्र लेकर जनता के बीच हैं। जिसमें से मुख्यतः नगर क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए नगर के बुद्धिजीवियों से सलाह लेना है।
कांग्रेस उम्मीदवार राधा देवी का राजनीति से सीधा वास्ता तो नहीं रहा, मगर उनके पति वीरपाल रावत कांग्रेस संगठन में विभिन्न पदों पर रहें है। जिसका वे पूरा लाभ ले रही हैं। कांग्रेस शुरू से ही भाजपा सरकार की जन विरोधी नीतियों के बल पर जनता का समर्थन मांग रही है। पेट्रो पदार्थों के बढ़ते दामों के साथ मंहगाई एवं बेरोजगारी कांग्रेस का चुनाव में मुख्य मुद्दा हैं। शुरूआती दौर में कांग्रेस उम्मीदवार को जनता के बीच जाने में थोड़ी झिझक लगी परन्तु धीरे धीरे उन्होंने रफ्तार पकड़ी और कार्यकर्ताओं के बल पर उन्होंने मजबूती से कदम आगे बढ़ाया है। पहली बार किसी चुनाव में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की एकजुटता भी दिखी है जो कि राधा देवी के लिए राहत की बात है। वहीं केदारनाथ विधायक भी उनके पक्ष में प्रचार कर चुके है। वैसे अगस्त्यमुनि में विधान सभा एवं लोकसभा चुनावों में कांग्रेस हमेशा से बढ़त बनाये रखती है। परन्तु इस छोटे चुनाव में इस बढ़त को कायम रखना कांग्रेस उम्मीदवार की सबसे बड़ी चुनौती होगी। अपने 12 सूत्रीय संकल्प पत्र के माध्यम से राधा देवी जनता के बीच हैं। जिसमें मुख्यतः नगर को ओवर हेड विद्युत तारो ंसे निजात दिलाने तथा बुजुर्गों एवं महिलाओं के लिए पार्क का निर्माण करवाना है। निर्दलीय उम्मीदवार अरूणा देवी पूर्व में ग्राम पंचायत बेंजरी की प्रधान रही हैं। उनके पति रमेश बेंजवाल पूर्व में अगस्त्यमुनि ब्लाॅक के कनिष्ठ प्रमुख रहे हैं। पिछले निकाय चुनाव में वे अध्यक्ष पद का चुनाव भी लड़े थे और छः सौ रूपये से अधिक वोट प्राप्त किए थे। इस बार भी उनकी तैयारी पूरी थी, लेकिन ऐन मौके पर अध्यक्ष पद महिला आरक्षित हो जाने से उन्होंने अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में उतारा है। पिछले पांच वर्षों में वे लगातार सक्रिय रहें और जनता के सुख दुख में साथ देते रहे। उनकी छवि एक संघर्षशील युवा की रही है। उन्होंने जीवन में कई आन्दोलन भी किए जिसमें अधिकांश में सफलता भी हासिल की, मगर उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने वोटों को पत्नी के नाम पर स्थान्तरित करवाना है। वैसे अपनी संघर्षशील, सुलभता से उपलब्ध तथा जनता की सहानुभूति के बल पर वे मुख्य मुकाबले में बने हुए हैं। अरूणा देवी अपने 19 सूत्रीय संकल्प पत्र के साथ जनता के बीच उतरी है। जिसमें मुख्यतः पेयजल के लिए नई योजना, बन्दरों से मुक्ति तथा शमशान घाटों का निर्माण एवं जलावन की लकड़ी जैसे वादें हैं। अब तक उम्मीदवारों के प्रचार प्रसार को देखते हुए लगता है कि तीनों उम्मीदवार मुकाबले में बने हुए हैं। उम्मीदवार अपनी जीत के लिए हर हथकण्डे अपना रहे हैं। यहां तक वे ऐसे वादे करने से भी संकोच नहीं कर रहे हैं जिनको पूरा करने में सरकारों का भी दम निकल रहा हैं। अब मतदान को केवल दो दिन बचे हैं। ऐसे में जिस भी उम्मीदवार ने अपने वोटों को सहेजते हुए दूसरे के वोटों पर सेंध लगा दी वहीं सिकन्दर बनेगा। अगस्त्यमुनि नगर निकाय में कुल 3,680 मतदाता जिसमें 1849 महिलायें तथा 1831 पुरूष हैं। यदि 65 से 70 प्रतिशत मतदान हुआ तो लगभग 2500 वोट पड़ने की संभावना है। ऐसे में हार जीत का अन्तर कम रह सकता हैं। यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि जीत का सेहरा कौन पहनेगा, मगर मतदाता की खामोशी उम्मीदवारों का रक्त चाप तो बढ़ा ही रही हैं।