देहरादून, नगर निगम के  चुनावों में इस बार जनता ने अपने बदले हुए मूड के आगे दिग्गजों को सोचने पर मजबूर कर दिया जो अपनी साख तक नहीं बचा पाए। दिगर बात यह है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट अपनी-अपनी विधानसभाओं के अंतर्गत आने वाले निकायों में निकाय प्रमुख पद के पार्टी प्रत्याशियों को जिताने में नाकाम रहे। अब दिग्गजों को बचाने के लिए हार का ठीकरा फोड़ने को सिर की तलाश चल रही है। यहां तक कि अब सीधे क्षेत्र के बड़े नेताओं को ही कठघरे में खड़ा करने की तैयारी है। निकाय चुनावा भाजपा व कांग्रेस दोनों के लिए ही बेहद अहम थे। जहां एक ओर भाजपा के सामने विधानसभा चुनावों के शानदार प्रदर्शन को दोहराने की चुनौती थी, तो वहीं कांग्रेस के सामने खुद को साबित करने की। इन चुनौतियों से पार पाने की जुगत में दोनों ही दलों के दिग्गज अपनी साख बचाने में नाकाम रहे।