घायलों का फुटेज जारी कर पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने की मांग की
छत्तीसगढ़ किसान सभा ने धान खरीदी के लिए बारदाना उपलब्ध कराने की मांग करते हुए आंदोलनरत किसानों पर लाठी चार्ज किये जाने की तीखी निंदा की है और कहा है कि पंचायत चुनाव निपट जाने के बाद कांग्रेस सरकार अब अपने असली रंग में आ रही है। इसके लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों पर कार्यवाही करने की मांग करते हुए किसान सभा ने धान खरीदी की अवधि 28 फरवरी तक बढ़ाने की भी मांग की है।
आज यहां जारी एक बयान में छग किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा है कि बारदाना संकट प्रशासन की अक्षमता का प्रमाण है, जिसके कारण सोसाईटियों में किसान अपना धान नहीं बेच पाए हैं। दिन भर में बारदाना तक जुटा न पाने वाली निकम्मी सरकार ने रात के अंधेरे में किसानों पर लाठीचार्ज करके अपना किसान विरोधी चरित्र दिखा दिया है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में बारदाना संकट का एक साथ आना इस बात का प्रमाण है कि शुरू से ही यह सरकार धान खरीदी के घोषित लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रति गंभीर नहीं थी।
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आइएनएच के पत्रकार अंकुर तिवारी के सौजन्य से प्राप्त घायल किसानों और घायल नवभारत कांकेर के संवाददाता योगेश सिन्हा के वीडियो फुटेज जारी करते हुए पराते ने लाठीचार्ज न होने के पुलिस के दावे का पर्दाफाश किया है और पूछा है कि क्या घायलों ने खुद ही अपना सिर पत्थरों से फोड़ लिया है? उन्होंने पुलिस का बचाव करने की गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू की कोशिशों की भी कड़ी निंदा की है और मांग की है कि किसानों पर चक्का जाम के आरोप में कार्यवाही करने के बजाय किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के बिना लाठीचार्ज करने वाले पुलिस के जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए। उन्होंने पुलिस प्रशासन पर लाठीचार्ज की घटना का फ़र्ज़ीकरण किये जाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि विधिक कार्यवाही पुलिस पर होनी चाहिए, न कि पीड़ित किसानों पर।