देहरादून, राजधानी देहरादून के परेड ग्राउण्ड में वीरभड़ माधो सिंह भण्डारी नाटक का भव्य मंचन कलाकारों द्वारा किया गया। यह आयोजन पर्वतीय नाट्य मंच द्वारा किया गया। इसमें वीरभड़ माधो सिंह भण्डारी के शौर्य, वीरता, बलिदान व विकास की ऐतिहासिक गाथा का प्रदर्शन किया गया। नाट्य मंचन का सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने इस अवसर पर उपस्थित कलाकरों व पर्वतीय नाट्य मंच को नाटिका मंचन के लिये बधाई व शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर भड़ माधो सिंह भण्डारी नाटिका का संगीतमय मंचन हो रहा है, मंच द्वारा बहुत ही सुन्दर नाटिका तैयार की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वीरभड़ माधो सिंह भण्डारी की गाथाएं हमारे लोक गीतों में सैकड़ों वर्षों से गायी जा रही हैं। हमारे अनेक संस्थान उनके नाम से है। उन्होंने कहा कि खेती के लिये यदि दुनिया में किसी का सबसे बड़ा बलिदान है, तो वह माधो सिंह भण्डारी का है। माधो सिंह भण्डारी द्वारा 400 वर्ष पूर्व पानी की टनल (गूल) का निर्माण बिना किसी आधुनिक तकनीक के किया था। उन्होंने अपने विवेक, कर्मठता, त्याग व समाज के लिये समर्पण के भाव से मलेथा में गूल बनायी। उन्होंने खेती को हरा भरा रखने के लिये अपने पुत्र का बलिदान दिया। वे एक कुशल सेनापति, योद्धा ही नही एक कुशल इंजीनियर भी थे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि मलेथा में माधो सिंह भण्डारी की गरिमा के अनुरूप उनकी प्रतिमा का निर्माण किया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि वीर भड़ माधो सिंह भण्डारी का जीवन हमें सदैव प्रेरणा देता रहेगा। नई पीढ़ी हमेशा ही उनसे सीखती रहेगी। उन्होंने कहा कि माधो सिंह भण्ड़ारी के व्यक्तित्व की एक अमिट छाप इतिहास में पड़ी है। 400 वर्षों से उनकी अमिट छाप इतिहास में और गहरी होती जा रही है। इस अवसर पर विधायक खजान दास, हरबंस कपूर, भरत चौधरी, मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार के.एस. पंवार, लोक गायक प्रीमत भरतवाण, कार्यक्रम के संयोजक राजेन्द्र सिंह रावत, ममता भट्ट, प्रदीप कुकरेती, रामेन्द्र कोटनाला,कुलानन्द घनशाला, रामलाल खंडूरी,हेमंत जुयाल,राकेश नौटीयाल,मोहन रावत,अम्बुज शर्मा , खिलाप सिंह बिष्ट व् अन्य लोग उपस्थित थे