देहरादून- जन संघर्ष मोर्चा प्रतिनिधिमंडल ने मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह से मुलाकात कर प्रदेश के श्रमिकों/ कर्म कारों को बांटी गई करोड़ों रुपए मूल्य की घटिया साइकिले, सोलर लालटेन, सिलाई मशीन, औजार व अन्य सामानों की गुणवत्ता की जांच तथा वितरण में की गई अनियमितता की उच्च स्तरीय जांच एवं सामान के बदले खातों में ऑनलाइन भुगतान की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा | मुख्य सचिव ने संबंधित विभाग को कार्रवाई के निर्देश दिए | नेगी ने कहा कि श्रम विभाग के उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड ने टेलीकम्यूनिकेशन कन्सलटेंट्स इण्डिया लि0 से दिनांक 29.03.2019 को 19825 साईकिलें 6,77,73,270/- रू0 में खरीदी। उक्त सभी साईकिलें कर्मकारों को बाॅंटने के उद्देश्य से खरीदी गयी थी। उक्त खरीदी गयी एक साईकिल की कीमत 3418/- रू0 प्रति साईकिल है।

घटिया माल लेते लोग

नेगी ने हैरानी जतायी कि जो साईकिलें खरीदी गयी थी, अधिकारियों ने मोटी कमीशन हड़प कर घटिया किस्म की साईकिलें खरीदी, जिसका नतीजा ये हुआ कि कर्मकारों/मजदूरों ने आधे/औने-पौने दामों में वही साईकिलें दुकानदारों को बेच दी।
नेगी ने कहा कि महत्वपूर्ण पहलू यह है कि हजारों साईकिलें कागजों में हेराफेरी कर फर्जी तरीके से बॅंटवाने का भी खेल खेला गया है तथा इसी प्रकार हजारों सिलाई मशीन/सोलर/उपकरणों, औजार आदि में भी यही खेल खेला गया।
महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि एटलस जैसी मजबूत साईकिल 3700/- रू0 तक खुदरा मूल्य में मिल रही है | अगर यही साईकिलें थोक में खरीदी जायें तो 2800-3000 रू0 तक उपलब्ध हो सकती हैं। वहीं दूसरी ओर ऐसी घटिया साईकिल 3418/-रू0 में खरीदी गयी, अगर यही घटिया साईकिलें कोई संस्था थोक में खरीदती तो 2200-2400 रू0 में आसानी से उपलब्ध हो जाती। उक्त कमीशन खोरी के खेल को खत्म करने एवं श्रमिकों के साथ हो रहे छलावे की रोकथाम हेतु श्रमिकों के खाते में ऑनलाइन भुगतान ही कारगर साबित हो सकता है | प्रतिनिधिमंडल में मोर्चा उपाध्यक्ष विजय राम शर्मा, भीम सिंह बिष्ट आदि थे |