रुद्रपुर,  तराई के संस्थापक एवं महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय पंडित राम सुमेर शुक्ला की 103वीं जयंती के अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी दिनेश शुक्ला व भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष शिव अरोड़ा के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उपस्थित जनता को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष शिव अरोरा ने कहा कि प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित रामसुमेर शुक्ल का जन्म ग्राम बहेड़ी तहसील रुद्रपुर जिला देवरिया तत्कालीन जिला गोरखपुर उत्तर प्रदेश में 28 नवंबर 1915 को हुआ था, उन्होंने छात्र जीवन से ही नेतृत्व की क्षमता ने उन्हें एक अलग पहचान दी। स्व0 शुक्ल 1936 में लाहौर अधिवेशन में मात्र 21 वर्ष की आयु में जिन्ना के द्वीराष्ट्रवाद का खुले मंच से विरोध किया था व राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई थी। नैनी जेल इलाहाबाद व फतेहगढ़ जेल में हुए नजर बंदी कैदी के रूप में अनेक यातनाएं सही।

    पंडित गोविंद बल्लभ पंत द्वारा तराई को आबाद करनेकी जिम्मेदारी स्वर्गीय पंडित राम सुमेर शुक्ल जी के नेतृत्व में गठित 3 सदस्य टीम को सौंपी गई, स्वर्गीय शुक्ल ने अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए तराई को आबाद किया। आज जो रुद्रपुर का विकसित स्वरूप दिख रहा है इसकी नींव 1956 में स्वर्गीय शुक्ल जी ने रखी थी। स्वर्गीय पंडित राम सुमेर शुक्ल ने आमजन की समस्याओं को हल करने के लिए राष्ट्रीय व प्रांतीय स्तर पर आजीवन संघर्ष किया था, निरंतर संघर्षरत रहने के कारण उनका स्वास्थ्य खराब हो गया और 4 दिसंबर 1978 को 63 वर्ष की आयु में रुद्रपुर उधमसिंहनगर में उनका देहांत हुआ। वर्तमान पीढ़ी के युवाओं को स्वर्गीय पंडित राम सुमेर शुक्ल जी द्वारा की गई समाज सेवा और योगदान से प्रेरित होकर समाज सेवा करनी चाहिए।
     इस दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमारी गिरी, कुंदन लाल खुराना, पूर्व जिला अध्यक्ष उत्तम दत्ता, अनिल चैहान, तरुण दत्ता, दक्षिणी किच्छा सोसाइटी के अध्यक्ष प्रताप सिंह धानक, पूर्वी किच्छा के अध्यक्ष गुलशन सिंधी, अजीत पाठक, ग्रामीण मंडल अध्यक्ष विपिन जल्होत्र, चंडेश्वर तिवारी, अजीत पाठक, पार्षद सुनील चैहान, पार्षद अमर सिंह, पार्षद शिव कुमार गंगवार, पूर्व मेयर सुरेश कोली, तरुण दत्ता,अनिल चैहान, राकेश सिंह, स्वतंत्र राय, विवेक राय, देवेंद्र शर्मा समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे।