नगर निगम की बोर्ड बैठक में मेयर सुनील उनियाल गामा ने शहर के पुराने साठ वार्डों में हाउस टैक्स की दरें कम करने का ऐलान किया है। इसके पीछे मेयर का तर्क है कि पूर्व में तय दरें उनके हिसाब से ज्यादा हैं। नए वित्तीय वर्ष यानी अप्रैल महीने से वार्डवार हाउस टैक्स की दरें कम कर दी जाएंगी। इससे देहरादून के करीब डेढ़ लाख घरों का हाउस टैक्स कम हो जाएगा। नगर निगम की बोर्ड बैठक में मेयर गामा की ओर से हाउस टैक्स की दरों को कम करने का प्रस्ताव रखा गया। उन्होंने पार्षदों से कहा कि क्योंकि हाउस टैक्स ठीक-ठाक आ रहा है। पिछले साल की तुलना में टैक्स के राजस्व में काफी बढ़ोतरी हुई है। हाउस टैक्स की दरें वार्डों के हिसाब से ज्यादा हैं। इसलिए अगले वित्तीय वर्ष में ये कम कर दी जाएंगी। मेयर का कहना है कि हालांकि दरें तय करने में यह भी शर्त होगी कि नगर निगम का लक्ष्य भी पूरा हो सके। मेयर ने कहा कि दरें कितनी कम की जाएंगी, यह तय करने के लिए कमेटी बनाई जाएगी। गौरतलब है कि नगर निगम के रिकार्ड के मुताबिक 96 हजार लोगों ने अपने घर का टैक्स दिया था। अब बस्तियों में भी टैक्स लग रहा है। बस्तियों में बने घरों की संख्या चालीस हजार के करीब है।
वीर नारियों, कुष्ठ रोगियों का हाउस टैक्स माफ
शहीद सैनिकों की पत्नियों (वीर नारियों) से नगर निगम हाउस टैक्स नहीं लेगा। इस प्रस्ताव को बोर्ड बैठक में स्वीकृति मिल गई। मेयर की ओर से आए एक अन्य प्रस्ताव में कुष्ठ रोगियों को हाउस टैक्स में छूट देने का निर्णय भी लिया गया।
कूड़ा इधर-उधर फेंकने पर एनजीओ-सोसायटी कर सकेंगे चालान
सड़क, नाली, सार्वजनिक स्थल में अगर कोई कूड़ा डालता हुआ मिला तो उसका चालान नगर निगम कर्मियों के अलावा शहर में सक्रिय एनजीओ और रेजीडेंट्स वेलफेयर सोसायटी भी कर सकेंगी। नगर निगम की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव मंजूर कर दिया गया। नगर निगम ने सफाई व्यवस्था बेहतर बनाने को सोशल पुलिसिंग की व्यवस्था लागू कर दी है। बोर्ड बैठक में नगर आयुक्त विनय शंकर पाण्डेय ने प्रस्ताव रखा कि जो लोग सड़क, नाली में कूड़ा डालते हैं तो क्या उनका चालान करने का अधिकार शहर में सक्रिय संस्थाओं व रेजीडेंट्स वेलफेयर सोसायटी को दे दिया जाए। इस पर पहले तो कुछ पार्षद असंतुष्ट नजर आए, लेकिन बाद में हामी भर दी। इसके बाद प्रस्ताव मंजूर कर दिया गया। अब नगर निगम की ओर से शहर की सक्रिय संस्थाओं और रेजीडेंट्स वेलफेयर सोसायटी को ये अधिकार दे दिया जाएगा। कर्मचारियों का वेतन देने के लिए पांच करोड़ की एफडी बनेगी
नवी मुंबई महानगर पालिका की तर्ज पर दून नगर निगम सफाई कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए पांच करोड़ की एफडी बनाएगा। मेयर ने सदन में प्रस्ताव रखा, जिसे पास किया गया। पिछले दिनों नवी मुंबई के पार्षद नगर निगम में आए थे। उन्होंने बताया कि उनके यहां पर करोड़ों रूपये की एफडी बनी है। इस एफडी के ब्याज ही इतना हो जाता है कि कई कर्मचारियों का वेतन निकल जाता है।
अमिता सिंह ने पार्षदों पर उठाए सवाल, हंगामा
भाजपा पार्षद अमिता सिंह ने कहा कि अतिक्रमण हटाना बड़ा काम नहीं है, लेकिन इसके लिए पार्षदों के सहयोग की जरूरत है। पार्षदों को अपने क्षेत्र में अवैध कब्जों की पूरी जानकारी होती है। अगर पार्षद चाहें तो कोई भी कब्जा नहीं कर सकता है। इस पर कई पार्षदों ने विरोध दर्ज किया और हंगामा हो गया। पार्षदों ने कहा कि इस बात को कहने का क्या मतलब है। पार्षद अभिषेक पंत, पार्षद विमल उनियाल, कविंद्र सेमवाल आदि ने गहरी नाराजगी जतायी। मेयर ने अमिता सिंह को चुप कराकर कहा कि इस विषय को कार्यवाही पुष्टि में शामिल नहीं किया जाएगा। तब पार्षद शांत हुए। डाटा एंट्री कर्मचारियों का मानदेय बढ़ेगा.सदन में ब्रह्मपुरी वार्ड के पार्षद सतीश कश्यप ने नगर निगम के डाटा एंट्री कर्मचारियों के मानदेय का मुद्दा उठाया। पार्षद ने मेयर से कहा कि डाटा एंट्री कर्मचारियों का मात्र नौ हजार मानदेय को प्रतिदिन 505 रुपये मानदेय करने का फैसला लिया गया।