‘अंकुर’ द्वारा आयोजित 15 दिवसीय कार्यशाला का आज प्रतिभागी बच्चों एवं अभिभावकों और कार्यशाला को सम्पन्न करवाने में सहयोगी आगंतुकों की उपस्थिति में विधिवत समापन हुआ।
कार्यशाला में 33 बच्चों ने प्रतिभाग किया। जिनमें 16 बालक और 17 बालिकाएं थी।25 बच्चों ने कार्यशाला में निरंतर उपस्थित बनाए रखी।
कार्यशाला दो चरणों में आयोजित की गई थी। दिनांक 26-दिसंबर से 31 दिसंबर व 1 जनवरी से 10 जनवरी।
पहले चरण मे हिंदी भाषा के वाचन व लेखन संबन्धित कौशल को विकसित करने के उद्देश्य से विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गई। इस चरण में मशहूर रंगकर्मी प्रदीप घिल्डियाल और हरीश भट्ट जी ने संदर्भदाता के रूप में अपना योगदान दिया।
दूसरे चरण में बच्चों की अवलोकन क्षमता, तार्किकता कल्पनाशीलता, रचनात्मकता तथा बच्चों में अभिव्यक्ति के कौशल को विकसित करना मुख्य उद्देश्य रहा। इस दौरान बच्चों के बीच विभिन्न गतिविधियों के साथ ही प्रोजेक्टर के माध्यम से 8 चित्रकथाएं रखी गयी। प्रत्येक चित्रकथा के कई पहलुओं पर संदर्भदाता के साथ ही बच्चों भी ने विस्तार से चर्चा की। इनमें से पांच कहानियों पर बच्चों ने पृष्ठपोषण (feedback) प्रपत्र भरकर अपनी प्रतिक्रियायें भी दी।
इस दौरान बच्चों ने अपने विचारों, कल्पनाओं, जिज्ञासाओं, शिकायतों को 50 से अधिक चार्टपेपर पर अभिव्यक्त किया। जिन्हें आज समापन अवसर पर प्रदर्शित किया गया। कार्यशाला के दूसरे चरण में संदर्भदाता के रूप में अंकुर के साथी प्रसिद्ध बाल साहित्यकार मनोहर चमोली ‘मनु’ ने योगदान दिया।साथ ही अंकुर के साथी प्रदीप बहुगुणा और सतीश जोशी की उपस्थिति और मार्गदर्शन भी महत्वपूर्ण रहा।
आज समापन अवसर इस कार्यशाला की धूरी रही सुनीता मोहन और कीर्ति भण्डारी ने अपनी बात साझा की। दोनों ने इस कार्यशाला की कल्पना और इसके प्रबंधन के संदर्भ में विस्तार से बाचीत की। कार्यशाला की मुख्य जिम्मेदारी निभा रहे दीपक रावत ने संक्षिप्त में कार्यशाला की रिपोर्ट साझा की।ने पूरी कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों की विभिन्न मुद्राओं में ली गई तस्वीरों को प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाया गया।जिसका बच्चों ने भरपूर आनंद लिया। इस अवसर पर संदर्भ व्यक्तियों ने संक्षिप्त में अपनी बात रखी। बच्चों के अनुभव और अभिभावकों की प्रतिक्रिया को देखकर महसूस हुआ कि कार्यशाला का आयोजन सफल रहा। कार्यशाला में उपखण्ड शिक्षाधिकारी डोईवाला चौहान मैम और हेमलता तिवारी जी की भी चार दिन से भागीदारी बनी रही। दोनों ने भी कार्यशाला के अनुभव साझा किए। नरेन्द्र नगर से आए संजीत रावत ने भी अपने विचार साझा किए।
इस कार्यशाला को सफल बनाने में बहुत से लोगों का सहयोग रहा जिसमें प्रमुखतः सिंचाई विभाग के अभियंता श्री पाण्डे जी, उज्ज्वल से रेखा डंगवाल, हरिओम पाली जी, श्रीमती पाली जी, पवन राणा , कंचन बिष्ट, विजय भट्ट , जयदीप सकलानी ,इन्द्रेश नौटियाल जी, रौथाण,अंबुज शर्मा आदि भी उपस्थित थे।