देहरादून, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में ’’उत्तराखण्ड विजन 2030’’ डाॅक्यूमेंट का विमोचन किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने ‘‘उत्तराखण्ड विजन 2030’’ का वेब लाॅँच भी किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड विजन 2030 में सुनिश्चित किया गया है आज हम कहा खडे़ है तथा 2030 तक हमें कहा पहुंचना है। विशेषकर जिस लक्ष्य के साथ भारत सरकार व सयुंक्त राष्ट्र के लक्ष्यों के अनुसार योजनाओं की रूपरेखा रखी गई हैे जो सतत विकास को सुदृढ़ करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाएं समय पर आरम्भ व समाप्त हो तथा लक्ष्य आधारित हो। विजन 2030 राज्य के भविष्य व आर्थिक विकास की रूपरेखा है। 

विजन डाॅक्यूमेंट में विशेषकर सतत् विकास लक्ष्यों (एस0डी0जी0) के उपलक्ष्यों को वर्ष 2030 तक पूर्ण कर सतत् विकास हेतु 03 वर्षीय, 07 वर्षीय व 15 वर्षीय दीर्घ कालीन लक्ष्यों को निर्धारित किया जा रहा है। सभी विभागों द्वारा लक्ष्यों की ससमय पूर्ति हेतु रणनीतिक कार्ययोजना तैयार की जानी है। राज्य का विजन 2030 डाॅक्यूमेंट, 17 सतत विकास लक्ष्य के 169 उपलक्ष्यों की समय पर पूर्ति किये जाने के अनुसार तैयार किया गया है। विजन 2030 में राज्य सरकार द्वारा विजन 2030 के विभिन्न पहलुओं का समावेश भी किया गया है। 17 सतत विकास लक्ष्यों को विजन डाॅक्यूमेंट में 04 प्रमुख थीम, सतत अजीविका, मानव विकास, पर्यावरण सतत्ता तथा सामाजिक विकास सतत्ता के रूप में परिलक्षित किया गया है। सैक्टरवार कार्य योजनाएं तैयार करने में निश्चित रूप से सुगमता होगी तथा विकास कार्यो का मुख्य-मुख्य सैक्टरवार प्रभावी अनुश्रवण हो सकेगा। राज्य के आर्थिक विकास हेतु 05 प्रमुख ग्रोथ इंजन चिन्हित किये गये हैं। जीविका कृषि उद्यानीकरण तथा सगंध पादप व जड़ी-बूटी, पर्यटन विकास (साहसिक पर्यटन, ईको टूरिज्म, आध्यात्मिक तथा धार्मिक पर्यटन, भ्पही मदक पर्यटन, ग्रामीण पर्यटन), आयुष, हरित ऊर्जा (स्थानीय स्तर पर छोटे-छोटे बांध अक्षय ऊर्जा), वानिकी के लक्ष्यों को निर्धारित अवधि में पूर्ण करने हेतु ब्2छ माॅडल, जिसमें विभागों में आपसी समन्वय, एक ही प्रवृत्ति की योजनाओं का युक्तिकरण तथा अभिसरण/संमिलन एवं विभिन्न राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं, शोध संस्थानों, विश्वविद्यालयों, एकेडमिया आदि से वित्तीय एवं तकनीकी सहयोग हेतु नेटवर्किग कर ैक्ळ के महत्वकांक्षी लक्ष्यों को पूर्ण किया जाना है।सतत विकास के लक्ष्यों को पूर्ण करने हेतु आगामी 03 वर्षो, 07 वर्षो तथा 15 वर्षो हेतु प्रस्तावित वित्तीय संसाधनों का प्रक्षेपण किया गया है। सतत विकास लक्ष्यों को निर्धारित समयावधि में प्रभावी रूप से नियोजित, क्रियान्वित तथा अनुश्रवण करने हेतु अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों तथा सचिव, शिक्षा की अध्यक्षता में गठित कार्य दलों से अपेक्षा की गयी है कि वे शीघ्रातिशीघ्र बैठकें आयोजित कर वर्षिक, त्रैवार्षिक, 7 वर्षीय एवं दूरगामी कार्य योजनायें तैयार कर माॅनिटरिंग फ्रेम वर्क तैयार करेंगे। सतत विकास लक्ष्य हेतु डेटा प्रबंधन व्यवस्था तथा अनुश्रवण एवं मूल्यांकन हेतु अर्थ एवं संख्या निदेशालय एवं नियोजन विभाग का पुनर्गठन तथा सबलीकरण किये जाना आवश्यक है। जिसमें मुख्य रूप से सतत विकास लक्ष्य उपलक्ष्यों एवं संकेतकों के गुणवत्तापरक अनुश्रवण तथा मूल्यांकन हेतु तकनीकी का उपयोग कर एकीकृत एम0आई0एस0 प्रणाली एवं जी0आई0एस0 तकनीकी का उपयोग करना आवश्यक होगा। इस अवसर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश, राधा रतूड़ी सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।