पौराणिक मेले हमारी पहचानः त्रिवेंद्र
टिहरी ,मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत रविवार को बूढ़ाकेदार धाम (टिहरी) में श्री गुरू कैलापीर देवता पौराणिक बग्वाल बलराज मेला के समापन कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारे पौराणिक मेले हमारी पहचान है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने बूढ़ाकेदार में 01 करोड 32 लाख रूपये की लागत से संगम आस्था पथ बनाये जाने, क्षेत्र में रोड़वेज बस संचालन, गुरू कैलापीर देवता पौराणिक बग्वाल बलराज मेले को राजकीय मेला घोषित किये जाने, बालगंगा विकासखण्ड की मांग नीति आयोग को भेजे जाने, भटवाडी बूढ़ाकेदार मार्ग सर्वेक्षण कराये जाने एवं बालगंगा सेन्दुल महाविद्यालय का राजकीयकरण किये जाने की घोषणा की।
टिहरी ,मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत रविवार को बूढ़ाकेदार धाम (टिहरी) में श्री गुरू कैलापीर देवता पौराणिक बग्वाल बलराज मेला के समापन कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारे पौराणिक मेले हमारी पहचान है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने बूढ़ाकेदार में 01 करोड 32 लाख रूपये की लागत से संगम आस्था पथ बनाये जाने, क्षेत्र में रोड़वेज बस संचालन, गुरू कैलापीर देवता पौराणिक बग्वाल बलराज मेले को राजकीय मेला घोषित किये जाने, बालगंगा विकासखण्ड की मांग नीति आयोग को भेजे जाने, भटवाडी बूढ़ाकेदार मार्ग सर्वेक्षण कराये जाने एवं बालगंगा सेन्दुल महाविद्यालय का राजकीयकरण किये जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों के विकास के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। बूढ़ाकेदार क्षेत्र के विकास के लिए भी योजना बनायी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 7 व 8 अक्टूबर को देहरादून में आयोजित हुए इन्वेस्टर समिट में देश-विदेश के निवेशकों ने प्रदेश में 01 लाख 25 हजार करोड रूपये का निवेश करने की इच्छा जतायी है। जिसमें से 23 हजार करोड़ रूपये का निवेश पहाडों पर किये जायेंगे। टिहरी झील के आसपास पर्यटन गतिविधियों को बढावा देने के लिए कुछ समझौते हो गये हैं और कुछ की प्रक्रिया चल रही है। यदि बड़े संस्थान टिहरी झील के आस-पास आ जाते हैं तो इन क्षेत्रों में होम स्टे आदि योजनाएं विकसित होंगी। पिरूल से रोजगार की अपार सम्भावनाओं के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि चीड का व्यावसायिक उपयोग कर बायोडीजल, तारपीन का तेल, तारकोल तथा शेष रहे अवशिष्ट से बिजली पैदा की जायेगी। उन्होने कहा कि इस प्रकार के प्रयोग पिथौरागढ़ में किये जा रहे हैं। जनपद टिहरी में भी पिरूल बहुतायत में होता है। महिलाएं स्वंय सहायता समूह बनाकर इस कार्य को कर सकती है। सरकार महिलाओं को इन कार्यो के लिए प्रशिक्षण देगी। उन्होने कहा कि सरकार चीड की पत्तियों/पिरूल एवं देवदार की पत्तियों को खरीदने की योजना बना रही है। गैस के अलावा इन पत्तियों से तैयार नुडल्स द्वारा भी भोजन बनाया जा सकता है। उन्होने कहा कि प्रदेश के लिए 150 मेगावाट बिजली मात्र पिरूल से ही पैदा की जा सकती है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने क्षेत्र में ट्राउट फिश जो की बहुत मंहगी बिकती है का पालन करने का सुझाव दिया। साथ ही डमैस्क रोज की खेती के लिए भी प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर टिहरी सांसद माला राजलक्ष्मी शाह ने रूपये 10 लाख बूढ़ाकेदार धाम के लिए दिये जाने की घेषणा की।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, घनसाली विधायक शक्तिलाल शाह, मेला समिति के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह नेगी, पूर्व विधायक बलबीर नेगी, संजय नेगी, आनन्द बिष्ट आदि उपस्थित थे।