राजधानी देहरादून की जहरीली शराब- छह लोग निपटे ,छह बचे
राजधानी देहरादून में जहरीली शराब पीने से छह लोगों की मौत, आधा दर्जन से अधिक लोग बीमार
देहरादून, देहरादून में जहरीली शराब पीने से छह लोगों की मौत हो गई। वहीं, कुछ लोगों को बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद से ही लोगों में आक्रोश बना हुआ है। वहीं, इस मामले में शासन ने आयुक्त आबकारी सुशील कुमार से रिपोर्ट तलब की है। प्रमुख सचिव आबकारी आनंद वर्द्धन ने कहा कि मामले की जानकारी ली जा रही है, जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नेशविला रोड, देहरादून में जहरीली शराब के सेवन से हुई जन हानि पर दुःख प्रकट किया है। उन्होंने इस प्रकरण को काफी गम्भीर बताते हुए कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाना सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने जल्द से जल्द मजिस्ट्रियल जॉच कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने मुख्य सचिव, डीजीपी व आबकारी आयुक्त को इस मामले में दोषी पाये जाने वालों पर शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने महानिदेशक स्वास्थ्य व सीएमओ देहरादून को चिकित्सालयों में भर्ती लोगों को उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं।
राजधानी देहरादून के नेशविला रोड स्थित पथरिया वीर में जहरीली शराब पीने से छह लोगों की मौत और करीब सात लोगों के बीमार होने का मामला सामने आया है। सभी बीमार लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना के बाद से ही क्षेत्र के लोगों और मृतकों के परिजनों में आक्रोश बना हुआ है। गुस्साए परिजनों ने भारी तादाद में इकट्ठा होकर मसूरी विधायक गणेश जोशी के आवास घेराव किया और मौके पर जमकर हंगामा काटा। उनका कहना है कि क्षेत्र में लंबे समय से अवैध शराब बेचने की शिकायत की जा रही है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

शराब माफिया को आखिर क्यों बचा रहे है विधायक साहब?
भाजपा विधायक के घर से महज चंद कदमों की दूरी पर चलता है शराब माफिया का सारा कारोबार। भाजपा के इस विधायक को काफ़ी तेजतर्रार माना जाता है लेकिन हैरानी की बात यह है कि उनके घर से चंद कदमों की दूरी पर मौत की शराब बेची जा रही थी और इन्हें कुछ खबर न हुई ? सत्ताधारी दल के विधायक को पूरी जानकारी होने के बावजूद उन्होंने पुलिस से कार्यवाही करने के लिए क्यों नहीं कहा ?
सूत्रों की माने तो उक्त विधायक ने पर्दे के पीछे से माफिया को बचाने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी हैं, लगातार पुलिस के संपर्क में भी हैं।

इसी साल फरवरी के महीने में हरिद्वार जिले के बाल्लुपुर गांव से हुई जहरीली शराब की बिक्री ने पूरे क्षेत्र में कहर बरपाया था। इस जहरीली शराब की वजह से उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में 47 और उत्तरप्रदेश को मिलाकर करीब डेढ़ सौ लोगों की जान गई थी। इस हादसे से भी सबक नहीं लिया गया और क्षेत्र में आज भी अवैध शराब का गोरखधंधा जोरों पर है।