सरकार ने मांग नहीं मानी तो आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे प्रभावित
-संघर्ष समिति के धरने पर भीरी बाजार से समर्थन में पहुँचे प्रभावित
-हनुमान चौक पर प्रभावितों का धरना तीसरे दिन भी रहा जारी
रुद्रप्रयाग, मुआवजा और पुनर्वास की माँग को लेकर चारधाम परियोजना संघर्ष समिति का धरना तीसरे दिन भी जारी रहा। मुख्य बाजार स्थित हनुमान चौक पर धरना देते हुए आंदोलनकारियों ने स्पष्ट किया कि सरकार ने प्रभावितों की मांगों पर सकारात्मक हल नहीं निकाला तो आंदोलनकारी पहाड़ में जनांदोलन शुरू कर देंगे।
आंदोलन को समर्थन देने के लिए तीसरे दिन भीरी बाजार से बड़ी संख्या में प्रभावित व्यापारी और भवन स्वामी पहुंचे। इस मौके पर पूर्व ब्लॉक प्रमुख घनानंद सती और सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि चारधाम परियोजना के चलते पहाड़ के व्यापारियों और भवन स्वामियों पर बहुत बड़ी मार पड़ने जा रही है। सरकार प्रभावितों की सुध नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि पूरे राजमार्ग पर हिल साइड रोड चैड़ी हो रही है, लेकिन भीरी में इसके विपरीत सड़क के निचले हिस्से में सड़क चैड़ीकरण का सर्वे किया जा रहा है। हम चाहते हैं कि सरकार सड़कों को चैड़ा करे, इसकी एवज में हमें मुआवजा दिया जाय और व्यापारियों को पुनर्स्थापित किया जाय। इसके साथ ही भीरी में बाईपास का विकल्प भी खुला है। सरकार पर पर भी मंथन कर सकती है। इससे एक बड़ा बाजार उजडने से बच जाएगा।
पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख मोहन सिंह सिंधवाल और एडवोकेट केपी ढ़ौंडियाल ने कहा कि परियोजना से प्रभावित लोग इस परियोजना का विरोध नहीं कर रहे हैं। वह अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। सरकार प्रभवितो के साथ भेदभाव कर रही है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि खांकरा को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने के साथ ही रेलवे प्रभावितों को दिया गया मुआवजा वापस न लिया जाय। प्रत्येक प्रभावित परिवार को नौकरी दी जाय। गढ़वाल विवि के पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष अजय पुंडीर, युवा आंदोलनकारी तरुण पंवार, पूर्व छात्र संघ विवि प्रतिनिधि विनोद राणा, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष लक्ष्मण रावत ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ परियोजना प्रभावितों की नहीं है। यह लड़ाई पहाड़ के हर एक व्यक्ति की है। आज राजमार्ग से जुड़े बाजार उजड़ रहे हैं, कल अन्य छोटे बाजार भी उजाड़े जायेंगे। इस समय हम सभी को मिलकर इस लड़ाई को अंजाम तक पहुँचाना है। इसलिए इस लड़ाई में सभी की भागीदारी जरूरी है।
इस मौके पर संघर्ष समिति के अध्यक्ष मोहित डिमरी, महामंत्री अशोक चैधरी, व्यापार संघ अध्यक्ष कांता नौटियाल, डॉ अमित रतूड़ी, केशव नौटियाल, कृष्णानन्द डिमरी, राजेश सेमवाल, उम्मेद सिंह बिष्ट, विनोद कुमार, सूरज गुसाँई, बादल रावत, रामलाल चैधरी, विपिन वर्मा, सोहन सिंह पंवार, देवेंद्र कप्रवान, दलवीर लाल, रोशन लाल, जगदीश लाल, दयाल लाल, रसीद अहमद, सुरेंद्र सिंह बिष्ट, शशि देवी, अनसूया देवी, अमित बिष्ट, विश्वेश्वर दत्त मिश्रा, राजेश नेगी, लक्ष्मण सिंह बिष्ट, सलीम अहमद, नरेंद्र खन्ना, एमपी पुरोहित, विनोद सेमवाल, पान सिंह पंवार, बलवीर सिंह, महावीर सिंह पंवार, रमेश दत्त नौटियाल, पूर्व जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मण सिंह नेगी, हीरा सिंह, मोहन दास, गोपाल लारा, अमित कुमार, आसिफ अहमद, बैशाखु लाल, सतपाल आर्य, राधे लाल, अजवीर सिंह पंवार, दीपक लाल, रजिता देवी, उषा बिष्ट, गजपाल सिंह कप्रवान, स्वामी धर्मानंद, मोहम्मद उस्मान, विजय सिंह, सुलोचना खन्ना समेत बड़ी संख्या में प्रभावित और स्थानीय लोग मौजूद थे।
आंदोलन को समर्थन देने के लिए तीसरे दिन भीरी बाजार से बड़ी संख्या में प्रभावित व्यापारी और भवन स्वामी पहुंचे। इस मौके पर पूर्व ब्लॉक प्रमुख घनानंद सती और सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि चारधाम परियोजना के चलते पहाड़ के व्यापारियों और भवन स्वामियों पर बहुत बड़ी मार पड़ने जा रही है। सरकार प्रभावितों की सुध नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि पूरे राजमार्ग पर हिल साइड रोड चैड़ी हो रही है, लेकिन भीरी में इसके विपरीत सड़क के निचले हिस्से में सड़क चैड़ीकरण का सर्वे किया जा रहा है। हम चाहते हैं कि सरकार सड़कों को चैड़ा करे, इसकी एवज में हमें मुआवजा दिया जाय और व्यापारियों को पुनर्स्थापित किया जाय। इसके साथ ही भीरी में बाईपास का विकल्प भी खुला है। सरकार पर पर भी मंथन कर सकती है। इससे एक बड़ा बाजार उजडने से बच जाएगा।
पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख मोहन सिंह सिंधवाल और एडवोकेट केपी ढ़ौंडियाल ने कहा कि परियोजना से प्रभावित लोग इस परियोजना का विरोध नहीं कर रहे हैं। वह अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। सरकार प्रभवितो के साथ भेदभाव कर रही है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि खांकरा को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने के साथ ही रेलवे प्रभावितों को दिया गया मुआवजा वापस न लिया जाय। प्रत्येक प्रभावित परिवार को नौकरी दी जाय। गढ़वाल विवि के पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष अजय पुंडीर, युवा आंदोलनकारी तरुण पंवार, पूर्व छात्र संघ विवि प्रतिनिधि विनोद राणा, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष लक्ष्मण रावत ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ परियोजना प्रभावितों की नहीं है। यह लड़ाई पहाड़ के हर एक व्यक्ति की है। आज राजमार्ग से जुड़े बाजार उजड़ रहे हैं, कल अन्य छोटे बाजार भी उजाड़े जायेंगे। इस समय हम सभी को मिलकर इस लड़ाई को अंजाम तक पहुँचाना है। इसलिए इस लड़ाई में सभी की भागीदारी जरूरी है।
इस मौके पर संघर्ष समिति के अध्यक्ष मोहित डिमरी, महामंत्री अशोक चैधरी, व्यापार संघ अध्यक्ष कांता नौटियाल, डॉ अमित रतूड़ी, केशव नौटियाल, कृष्णानन्द डिमरी, राजेश सेमवाल, उम्मेद सिंह बिष्ट, विनोद कुमार, सूरज गुसाँई, बादल रावत, रामलाल चैधरी, विपिन वर्मा, सोहन सिंह पंवार, देवेंद्र कप्रवान, दलवीर लाल, रोशन लाल, जगदीश लाल, दयाल लाल, रसीद अहमद, सुरेंद्र सिंह बिष्ट, शशि देवी, अनसूया देवी, अमित बिष्ट, विश्वेश्वर दत्त मिश्रा, राजेश नेगी, लक्ष्मण सिंह बिष्ट, सलीम अहमद, नरेंद्र खन्ना, एमपी पुरोहित, विनोद सेमवाल, पान सिंह पंवार, बलवीर सिंह, महावीर सिंह पंवार, रमेश दत्त नौटियाल, पूर्व जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मण सिंह नेगी, हीरा सिंह, मोहन दास, गोपाल लारा, अमित कुमार, आसिफ अहमद, बैशाखु लाल, सतपाल आर्य, राधे लाल, अजवीर सिंह पंवार, दीपक लाल, रजिता देवी, उषा बिष्ट, गजपाल सिंह कप्रवान, स्वामी धर्मानंद, मोहम्मद उस्मान, विजय सिंह, सुलोचना खन्ना समेत बड़ी संख्या में प्रभावित और स्थानीय लोग मौजूद थे।