न्यू मोटर व्हीकल एक्ट -2019
देहरादून, राज्य कैबिनेट की बैठक में कईं महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी। कैबिनेट बैठक में कुल 16 प्रस्ताव रखे गए, जिसमें से 15 प्रस्तावों पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगाई। सबसे बड़ा फैसला सरकार ने मोटर अधिनियम 1988 में संशोधन पर किया है। सरकार ने केंद्र के द्वारा जारी किए गए न्यू मोटर व्हीकल एक्ट के कुछ नियमों के जुर्माने में लगभग 50 फीसदी तक की छूट दी गई है।
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में कई अहं फैसले लिए गए। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी शासकीय प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने पत्रकारों को दी। धारा 177, 178, 178 (2), 178 (3)(क), 112 के नियम में दिए गए जुर्माने को यथावत रखा है। धारा 180 में जुर्माना को 5,000 से घटाकर 2,500 किया गया। धारा 7 में यानी गाड़ी के मोडिफिकेशन पर एक लाख से घटाकर 50 हजार किया गया। धारा 182 (ख)में 10,000 जुर्माने को घटाकर 5,000 किया गया।
ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण के लिए 10,000 की जगह 2500 का जुर्माना लिया जाएगा। क्षमता से अधिक सवारी ले जाने पर 200 रुपये प्रति सवारी जुर्माना वसूला जाएगा। सीट बेल्ट पर एक हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान। अग्निशमन, एंबुलेंस को रास्ता ना देने पर 10,000 से घटाकर 5,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत 2668 पदों को स्थाई रूप से स्वीकृति दी गई थी। जिसमे से बचे कुछ कर्मचारियों के वेतन में भी 5 फीसदी की वृद्धि की गई है। कैंप अधिसूचना के अंतर्गत वार्षिक लेखा को विधान मंडल पटल पर रखने की मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी दी है। उत्तराखंड राज्य नियमावली के समूह ग में किए गए संशोधन को मंजूरी दी गई है। 31 मार्च 2019 के बाद के पूर्व मुख्यमंत्रियों को कोई सुविधा नहीं दी जाएगी। उत्तराखंड विशेष अधिनस्थ शिक्षा प्रवक्ता संवर्ग, सेवा नियमावली, 2019 में संशोधन को मंजूरी दी गई है। उत्तराखंड अधीनस्थ शिक्षा एलटी के लिए नियमावली में संशोधन किया गया, अब 10 फीसदी भर्ती, प्रमोशन के लिए रिक्त रहेंगे। जॉलीग्रांट एयरपोर्ट, देहरादून को इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने पर मंत्रिमंडल ने सहमति दी है, जिसमे करीब 300 करोड़ का आएगा खर्चा। एकल आवास के वन टाइम सेटेलमेंट का समय बढ़कर दिसंबर 2019 तक किया है। हरिद्वार विकास प्राधिकरण, मसूरी विकास प्राधिकरण और पौड़ी विकास प्राधिकरण में हो रही दिक्कत की वजह से कैबिनेट ने निर्णय कि जिस जिले में जो प्राधिकरण आएगा वह उसी क्षेत्र में माना जाएगा। गंगोत्री विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण को उत्तरकाशी विशेष क्षेत्र प्राधिकरण में सम्मिलित करने पर सहमति बनी है। वन क्षेत्र में सड़क निर्माण में एक मीटर की छूट दी गयी है।