सश्रम आजीवन कारावास
कोटद्वार, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रतिभा तिवारी की अदालत ने वर्ष 2015 के बहुचर्चित सुमित पटवाल हत्याकांड के चारों आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास और प्रत्येक को एक-एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड अदा न करने पर अभियुक्तों को एक-एक साल का अतिरिक्त सश्रम कारावास भोगना होगा। कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में चारों को आईपीसी की धारा 120-बी से दोषमुक्त किया है। कोर्ट ने गत 31 अगस्त को इस मामले की सुनवाई पूरी करते हुए चारों को उक्त हत्याकांड में दोषसिद्ध करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था।
  सहायक शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) जितेंद्र सिंह रावत ने बताया कि अपर सत्र न्यायालय ने सजा के प्रश्न पर अभियोजना और बचाव पक्ष की दलीलें सुनी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया, जिसमें चारों अभियुक्तों दीपक रावत पुत्र सुरेंद्र सिंह निवासी मानपुर कोटद्वार, सुरेंद्र सिंह नेगी उर्फ सूरी पुत्र गणपत सिंह निवासी ग्राम गोकुलगांव पट्टी मवाधार सतपुली हाल निवास सेक्टर-7 नोएडा यूपी, विशाल उर्फ जौली पुत्र विजेंद्र कुमार निवासी सरवीना थाना देवबंद सहसपुर हाल निवासी 17-सिविल लाइन रुड़की हरिद्वार, जौनी शर्मा पुत्र जयपाल शर्मा निवासी दलहेड़ी थाना बडगांव सहसपुर हाल निवासी सुभाषनगर ज्वालापुर हरिद्वार को सश्रम आजीवन कारावास और प्रत्येक को एक-एक लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। जुर्माने की संपूर्ण धनराशि चार लाख रुपये में से आधी धनराशि दो लाख रुपये मृतक सुमित पटवाल की माता सतेश्वरी देवी को प्रतिकर के रूप में दी जाएगी। एडीजीसी ने बताया कि मंगलवार को अभियुक्त दीपक रावत और जौनी शर्मा को अदालत में सजा सुनाई गई, जबकि देहरादून जेल में बंद सुरेंद्र सिंह नेगी उर्फ सूरी और विशाल उर्फ जौली को कोटद्वार न्यायालय से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए सजा सुनाई गई।