रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड में शुक्रवार को दर्दनाक हादसा हो गया। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाइवे पर ऑल वेदर रोड के निर्माण कार्य के दौरान बांसवाड़ा में भूस्खलन की चपेट में आने से सात मजदूरों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी मृतक जम्मू-कश्मीर के बताए जा रहे हैं।
  रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाइवे पर ऑल वेदर रोड का निर्माण कार्य चल रहा था। निर्माण कार्य के दौरान शुक्रवार को एक चट्टान टूटकर गिर गई। चट्टान टूटने से हुए भूस्खलन में एक जेसीबी भी नदी में जा गिरी। जिस समय हादसा हुआ, उस समय वहां पर 23 मजदूर काम कर रहे थे, जिसमें 13 सुरक्षित बच गए। जबकि 7 की मौत हुई है और 3 घायल हो गए। सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीम और पुलिस मौके पर पहुंची और राहत कार्यों में जुटे। इस दौरान सात मजदूरों के शव बरामद कर लिए गए हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डीएम और एसपी के अनुसार कॉन्ट्रैक्टर और ठेकेदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। एसडीएम गोपाल सिंह चौहान के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित कर दी गई है।

भूस्खलन की चपेट में आने से मारे गए लोगों के प्रति शोक व्यक्त किया
   उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने जनपद रूद्रप्रयाग के बांसवाडा में ऑल वेदर रोड पर हो रहे निर्माण कार्य के कारण हुए भारी भू स्खलन के मलवे में दब कर मारे गये मजदूरों के निधन पर गहरा शोक प्रकट करते हुए शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है। 
    प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डाॅ0 आर.पी. रतूड़ी के माध्यम से जारी बयान में जनपद रूद्रप्रयाग के बांसवाडा में आॅल वेदर रोड़ निर्माण के समय हुए इस हादसे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा आॅल वेदर रोड़ के नाम पर जिस प्रकार से अंधा-धुंध पहाड़ों का कटान किया जा रहा है उससे पर्वतीय क्षेत्र के सड़क किनारे कई गांवों को भूस्खलन से खतरा उत्पन्न हो गया है। उन्होंने रूद्रप्रयाग जनपद के बांसवाडा की घटना को अत्यंत दुःखद बताते हुए कहा कि निर्माणदायी संस्थाओं द्वारा निर्माण कार्य में लगे मजदूरों की सुरक्षा को नजरअंदाज किया जा रहा है जिसके परिणामस्वरूप आज बांसवाडा में कई मजदूरों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। प्रीतम सिंह ने कहा कि बिना मजदूरों की जानमाल की सुरक्षा के इन्तजाम किये जिस प्रकार सड़क चैड़ीकरण का कार्य किया जा रहा था उसके लिए निर्माणदायी संस्था के साथ-साथ केन्द्र व राज्य सरकारें पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा जिन बाहरी बड़ी-बड़ी कम्पनियों को निर्माण का कार्य दिया गया है उन्हें पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क निर्माण का अनुभव तक नहीं है तथा बांसवाडा की घटना इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। प्रीतम सिंह ने हादसे की उच्च स्तरीय जांच करवाये जाने तथा दोशियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किये जाने के साथ ही हादसे में मारे गये लोगों के परिजनों तथा घायलों को उचित मुआबजा दिये जाने की मांग की है।