राज्य आंदोलनकारियों ने अपनी 7 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन 
 हरिद्वार,  राज्य प्राप्ति आंदोलन में अग्रणी एवं निर्णायक भागीदारी करने वाले राज्य आंदोलनकारियों ने अपनी 7 सूत्री मांगों के निराकरण की मांग को लेकर  केंद्रीय अध्यक्ष जेपी पांडे के नेतृत्व में जुलूस निकालकर सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर उग्र प्रदर्शन कर सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय गृह मंत्री को ज्ञापन प्रस्तुत किया। पूर्व घोषित कार्यक्रम अनुसार राज्य आंदोलनकारी समिति के जिलाध्यक्ष सतीश जैन एवं महिला प्रकोष्ठ की केंद्रीय अध्यक्षा मधु नौटियाल के नेतृत्व में देवपुरा तिराहा पर एकत्र हुए और वहां से समिति के केंद्रीय अध्यक्ष जेपी पांडे के नेतृत्व में राज्य सरकार के विरुद्ध नारे लगाते हुए सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर उग्र प्रदर्शन किया।
 सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय गृह मंत्री को 7 सूत्री मांग पत्र प्रस्तुत किया 7 सूत्री मांगों में चीनी  हेतु कट ऑफ डेट 30 दिसंबर 2017 से पूर्व जमा आवेदनों का निर्धारण एक समान पेंशन 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण 2 अक्टूबर 1994 को रामपुर तिराहा मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा मिले द्य  स्थाई राजधानी गैरसैण लोकायुक्त की नियुक्ति, राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद का  कार्यालय खुलवाने 2025 का होने वाला परिसीमन क्षेत्रफल के आधार पर किए जाने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की तरह समझ सुविधाएं दिए जाने आदि मांगे प्रमुख थी। इस अवसर पर समिति की शहर अध्यक्ष सरोज मंगाई की अध्यक्षता एवं शीशपाल पोखरियाल  के संचालन की सभा में निर्णय लिया गया कि 19 जून को प्रस्तावित कैबिनेट की राज्य सरकार की मीटिंग में राज्य आंदोलनकारियों की लंबित मांगों को रखे जाने हेतु 18 जून को मदन कौशिक को उनके आवास पर ज्ञापन दिया जाएगा द्य 09 जुलाई को देहरादून के गांधी पारक में सत्याग्रह 11 जुलाई को दिल्ली के जंतर मंतर पर उपवास रखा जाएगा द्य समिति के केंद्रीय अध्यक्ष जेपी पांडे ने कहा कि वर्तमान में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री किसी की भी नहीं सुनते हैं, इसलिए दिल्ली के दरवाजे खटखटाने पड़ेंगे। पांडे ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने चुनाव से पूर्व परेड ग्राउंड में अपने दिए हुए भाषण में कहा था कि तुम मुझे डबल इंजन की सरकार दो मैं प्रत्येक समस्या का निराकरण करूंगा।
   प्रदर्शन में प्रमुख रूप से संजय कल्लू डा रामदत्त नैनवाल ,सुमन चैहान, सरिता पुरोहित, सतीश जैन, भीमसेन रावत, आनंद सिंह नेगी, रामदेव मौर्य, सुमन चैहान, दिनेश धीमान, कामरेड भगवान जोशी, शमशेर खान, उत्तराखंडी जगमोहन सिंह नेगी, आर एस नेगी, धर्मपाल भारती किरण बिष्ट, मालती रावत, साधना नवानी, कमला धोंडियाल, बसंती पटवाल जयंती, ध्यानी बीएल साहब, मिथिलेश शर्मा, किरण बिष्ट, राकेश वशिष्ठ, सुशीला देवी, जमुना देवी, सावित्री देवी, विमला देवी, रश्मि चमोली, राकेश वशिष्ठ आदि भारी संख्या में राज्य आंदोलनकारी उपस्थित थे।