देहरादून, शनैश्चरी अमावस्या 4 मई को पड़ रही है। यह दिन शनि देव को प्रसन्न के लिए सबसे अच्छा होता है। इस दिन कुछ सरलतम उपाय करने से शनिदेव खुश हो जाते हैं।
आचार्य सुशांत राज का कहना है कि शनिवार के दिन अमावस्या पड़ने को शनैश्चरी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। शनि देव के जितने दुष्प्रभाव होते हैं वे इस दिन पूजा पाठ से दूर होते हैं। उन्होंने बताया कि हनुमानजी को चोला चढ़ाएं। हनुमान चालीसा का अधिक से अधिक दान करें। काले कपड़े में सवा किलोग्राम काला तिल भर कर दान करें। पीपल के वृक्ष पर सात प्रकार के अनाज चढ़ाकर बांट दें। इस दिन पिता का अपमान न करें। बहन और भांजी को दान दें। पूर्वजों का श्राद्ध करें या उन्हें भोजन का भोग लगाएं। मांस और मदिरा का प्रयोग न करें। उन्होंने कहा कि अमावस्या के दिन प्रातः या शाम को सूर्यास्त के बाद स्नान कर ’’हरड़’’ का तेल शरीर पर लगाएं। पश्चिम दिशा की ओर एक चोकी रखकर उस पर काला वस्त्र बिछाएं, लाजवंती पुष्प रखें, पीपल के पत्ते पर शनि यन्त्र स्थापित करें