त्रिवेंद्र कैबिनेट ने लिए कई अहं फैसले, अनाथ बच्चों को सरकारी नौकरियों में मिलेगा 5 प्रतिशत आरक्षण
     देहरादून, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की कैबिनेट ने कई अहं फैसले लिए हैं। केंद्र सरकार के गरीब सवर्णों को आरक्षण दिए जाने के बाद राज्य सरकार ने भी एक नया आरक्षण देने का ऐलान किया है। बुधवार को हुई त्रिवेंद्र कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया कि अनाथ बच्चों को राजकीय सेवाओं में पांच फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का पहल राज्य होगा। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के अनुसार इससे पहले संभवतः एक-दो राज्यों में आरक्षण है लेकिन कहीं भी पांच फीसदी आरक्षण नहीं दिया जाता। इसके अलावा चुनावी साल में 7वें वेतनमान के तहत कर्मचारियों को छह महीने के बकाया एरियर को भी मंजूरी दी गई है।
  राज्य सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी मीडियार को दी। कौशिक ने बताया कि कैबिनेट के सामने 9 प्रस्ताव आए हैं। उन्होंने बताया कि 11 फरवरी से 22 फरवरी को बजट सत्र देहरादून में आयोजित होगा। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। भेड़ों की नस्ल सुधार के लिए आस्ट्रेलिया से उच्च श्रेणी की मेरीनो भेड़ आयात की जाएंगी। केन्द्र और राज्य के लिए निर्धारित 90.10 की राशि में से केन्द्र से 436 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हो चुकी है कुल 40 नर और 200 मादा को शामिल किया जाएगा। राज्य कर्मचरियों को सातवें वेतनमान का 6 महीने का बकाया एरियर दिया जाएगा। इससे राज्य के खजाने पर 300 करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ेगा। पैराग्लाइडिंग नियमावाली में संसोधन को मंजूरी दे दी गई है। प्रशिक्षण मानक में बदलाव किया गया है। अब 50 घंटे के बजाए 50 किलोमीटर न्यूनतम मानक निर्धारित किया गया है। केदारनाथ पुनर्निर्माण को लेकर नेशनल जियोग्राफिक पर डॉक्यमेंट्री बनेगी जिसके लिए डेढ़ करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इसका प्रमोशन इन्स्टाग्राम, फेसबुक, यू-ट्यूब से किया जाएगा। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में 46 अस्थाई सुपर स्पेशसलिस्ट न्यूरो सर्जन, कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी पदों के सृजन को संस्तुति दी गई। पुलिस सेवा नियमवाली में संशोधन किया गया है। यह संशोधन सर्विस प्रमोशन के प्रावधान में किया गया है। सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों में यात्रा भत्ता की दरों में संशोधन किया गया है। 5400 ग्रेड पे से नीचे के कर्मचारियों को प्रदेश मे रुकने और खाने के लिए 500 रुपये प्रतिदिन निर्धारित किए गए हैं।
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 स्थानतंरण भत्ते में डिस्टर्बेन्स भत्ता बढ़ाया गया है। विदेश यात्रा भत्ता में भारत सरकार के नियम लागू होंगे। आवास भत्ता की तीन श्रेणियां 9,7,5 निर्धारित की गई हैं। कुल 100 करोड़ रुपये का वार्षिक भार पड़ने का अनुमान है।