रुड़की, पनियाला गांव स्थित एक धर्मशाला में निर्माण और इसमें बने धार्मिक स्थल की मूर्तियां तोड़ने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। मामला तूल पकड़ने से पहले ही भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। ग्रामीणों का आरोप था कि धर्मशाला पर कब्जा करने के लिए मूर्तियां तोड़ी गई है, जबकि पुलिस इस दीवार गिरने से मूर्ति टूटने का दावा करती रही। पुलिस ने दो आरोपितों को मौके से हिरासत में लिया। काफी जद्दोजहद के बाद धर्मशाला खाली करने के आश्वासन के बाद ही मामला शांत हो सका।
गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के पनियाला गांव निवासी सीतराम की गांव में धर्मशाला है। कई साल पहले उन्होंने एक ग्रामीण को धर्मशाला में एक कमरा देकर केयर टेकर बनाया था। बताया गया है कि सीताराम के परिवार के लोगों के साथ धर्मशाला में रहने वाले पक्ष से धर्मशाला को लेकर विवाद चल रहा था। धर्मशाला में रहने वाला पक्ष यहां कुछ निर्माण करा रहा था जिसकी दूसरे पक्ष को भी जानकारी थी। आरोप है कि धर्मशाला में बने धार्मिक स्थल में लगी कई मूर्तियां तोड़ दी। इसकी जानकारी जब शनिवार की सुबह ग्रामीणों को हुई तो वह काफी संख्या में मौके पर पहुंचकर हंगामा करने लगे। हालांकि, मामला एक ही समुदाय के लोगों के बीच का था। हंगामे की सूचना मिलने पर इंस्पेक्टर प्रदीप बिष्ट भी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गए। मामला तूल पकड़ता देख पुलिस ने इस मामले में दो युवकों को हिरासत में ले लिया। हालांकि बाद में मामला शांत होने के बाद दोनों को छोड़ दिया गया। गंगनहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक प्रदीप बिष्ट ने बताया कि इस बात पर सहमति बनी कि रविवार की सुबह तक दूसरा पक्ष धर्मशाला को खाली कर देगा। इस आश्वासन के बाद ही मामला शांत हो सका।