सेवा में, माननीय प्रधानमंत्री जी, भारत सरकार।

परम श्रद्धेय,

उत्तरांचल पावर कारपोरेशन लिमि० एवं उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लिमि० में वर्ष 2001, 2002 और 2003 में नियुक्त किये गये जे०ई० एवं ए०ई० (सिविल एवं इलैक्ट्रीकल एण्ड मैकनिकल) तथा अन्य पदों पर फर्जी नियुक्तियां की गयी है, जो देश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। फ र्जी नियुक्तियों का विवरण निम्न प्रकार है:-

प्रधानमंत्री उत्तराखण्ड जल विद्युत में वर्ष 2001, 2002 और 2003 में बिना शासन की अनुमति के बैकडोर से जे०ई० एवं ए०ई० (सिविल एवं इलैक्ट्रीकल एण्ड मैकनिकल) तथा अन्य पदों पर फर्जी पैसा लेकर नियुक्तियां दी गयी है। यह सभी लोग निगम में बड़े-बड़े पदों पर काबिज जो चुके हैं।
उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लिमि० वर्ष 2001, 2002, 2003 में तीन प्रकार से फर्जी नियुक्तियां हुयी है-
1- उत्तरांचल पावर कारपोरेशन लिमि० 2001 में हुयी लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार में फेल हुए अभ्यर्थियों को सीधे बिना नियम एवं कायदे कानून व बिना विज्ञप्ति, परीक्षा व शासन की अनुमति के बैकडोर से पैसा लेकर सीधे नियुक्तियां दी गयी।

2- वर्ष 2001, 2002 और 2003 में संविदा तथा ठकेदार के अण्डर काम करने वाले इंजीनियरों को बिना लिखित परीक्षा एवं बिना शासन की अनुमति के नियमों को ताक में रखकर बैकडोर से पैसा लेकर सीधे नियुक्तियां दी गयी।

3-इसके साथ ही बिना परीक्षा एवं बिना शासन की अनुमति के कई अन्य पदों पर बैंक डोर
से नियुक्तियां दी गयी है। . 3. महोदय उत्तराखण्ड जल विद्युत में वर्ष 2001, 2002 और 2003 में जितनी भी नियुक्तियां हुयी
हैं सभी अवैध तरीके से की गयी हैं।

महोदय, उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम में अधिशासी अभियन्ता के पदों पर सीधी भर्ती की कोई नियमावली नहीं हैं इसके यूजेवीएनएल द्वारा वर्ष 2005 में अधिशासी अभियन्ता के 2 पदों हेतु सीधी भर्ती की गयी। जिसके लिए 8 ने आवेदन किया 1- हेमन्त मिश्रा 2- राजीव कुमार 3-राजीव कुमार सावर्ण 4- मयंक गर्ग 5 मनमोहन बलोदी 6-रजनीश पठानियां ।
पंकज 7- सुजीत कुमार सिंह 5. साक्षात्कार के पश्चात जिसमें से 2 लोग अधिशासी अभियन्ता के पद पर सलैक्ट हुए 1- राजीव कुमार सावर्ण 2- सुजीत कुमार सिंह ।

जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं को कन्ट्रोल कर रहा है, किन्तु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी।
इसी तरीके से वर्ष 2001, 2002, 2003 में सैकडों फर्जी अधिकारी जो यूजेवीएनएल में नियुका हैं, महत्वपूर्ण पदों पर आसीन हैं, जो अपने पद को बनाये रखने के लिए और जांच को छुपाने के लिए ऊर्जा सचिव एवं अन्य अधिकारियों को मोटा पैसा पहुंचा रहे हैं। 9. मा० प्रधानमंत्री जी यह बडा दुर्भाग्यपूर्ण हैं कि सम्पूर्ण यूजेवीएनएल एवं यूपीसीएल में फर्जी
तरीके से बैठे हैं। इन सब के बावजूद इन अधिकारियों के रिटायर होने के बाद कार्यरत अधिकारियों को पदोन्नत किये जाने के बजाय इन्हीं रिटायर्ड अधिकारियों को मनचाहा 2-2 वर्ष का सेवा विस्तार दिया जा रहा है। जैसे श्री अनिल कुमार, एमडी यूपीसीएल 2-श्री संदीप सिंघल, एमडी यूजेवीएनएल ३-श्री सुरेश चन्द्र बलूनी- डायरेक्टर प्रोजेक्ट । इन सभी सेवा विस्तारों में साफ-साफ धांधलियां नजर आ रही है।

कुछ पद तो अलग-अलग विभागों के चार्ज एक ही व्यक्ति को दिये गये हैं, यह कार्य उर्जा सचिव द्वारा किया जा रहा है। जैसे जीएम यमुना वैली, जिन्हें पिटकुल के डायरैक्टर का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है।

उपरोक्त सभी बातों से स्पष्ट है कि उर्जा सचिव द्वारा फर्जी तरीके से नियुक्तियां एवं अतिरिक्त चार्ज दिये जा रहे हैं। नियुक्ति, पदोन्नति, अतिरिक्त चार्ज के रूप में प्रत्येक स्तर पर भ्रष्टाचार व्याप्त है। माननीय प्रधानमंत्री जी आपसे निवेदन है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15 के तहत जिस तरह से उर्जा विभाग में सैकड़ों फर्जी लोगों को बैकडोर से बिना परीक्षा एवं मेहनत के नियुक्तियां दी गयी है, हम उत्तराखण्ड के प्रशिक्षित बेरोजगार युवाओं को भी उसी नियम के तहत बैकडोर से नियुक्तियां देकर इन्हीं की तरह पदोन्नति देकर 4-4 लाख वेतन दिया जाये। अन्यथा इन फर्जी व्यक्तियों को हटाकर, दुबारा से योग्यता के आधार पर परीक्षा आयोजित कर नियुक्ति दी जाये।

अतः आपसे निवेदन है कि उत्तराखण्ड उर्जा निगम के तीनों विभाग यूपीसीएल, पिटकुल, यूजेएनएल के मानव संसाधन की सीबीआई जांच कर, भ्रष्ट अधिकारियों की जांच कर इन्हें नियुक्ति एवं संरक्षण देने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्यवाही की जाये। हमें आप पर पूरा विश्वास है आप संविधान के तहत हमारे साथ न्याय करेंगे।

प्रार्थी

बॉबी पंवार

बेराजगार संघ, उत्तराखण्ड