10% क्षेतिज आरक्षण, चिन्हीकरण, एकसमान पेंशन को लेकर 01 अगस्त-क्रांति दिवस से शहीद स्मारक देहरादून में धरना होगा प्रारम्भ
देहरादून, 30 जुलाई : विगत 10 वर्षों से लगातार अदालती लड़ाइयों, धरना-प्रदर्शन, विधान सभा, मु0 म0 आवास, राजभवन कूच के बाद मिले झूठे आश्वासनों से तंग आकर आखिरकार उत्तराखंड आंदोलनकारी सयुंक्त मंच ने एक बार फिर धरने में बैठने का मन बना लिया।
मंच के संयोजक क्रांति कुकरेती व ने कहा कि पुष्कर सिंह धामी जी के मुख्यमंत्री होने के बाद हमें उम्मीद जगी थी और मामला कुछ आगे बढ़ा भी परन्तु राजभवन में जाकर लटक गया। क्या कारण है कि खिलाड़ियों के लिए आरक्षण विधेयक या महिला आरक्षण विधेयक तो राजभवन से अनुमोदित करवा लिये गये परन्तु इस राज्य के निर्माण के लिए अपना जीवन और जवानी होम करने वाले आंदोलनकारीयों का चिन्हीकरण या एक समान पेंशन अभी तक प्रतीक्षा सूची में हैं।
मंच के सह संयोजक अम्बुज शर्मा ने कहा एक तरफ़ मुख्यमंत्री हमें वार्ताओं में बैठा कर आश्वासन देते हैं कि सरकार उनकी मांग जल्द पूरी करने जा रही है, यहां तक कि 30 जून 2024 की वार्ता में तो उन्होंने कहा कि बस 2- 3 दिन में हो जायेगा, मगर पूरा महीना समाप्त हो जाने के बाद भी मामला जस का तस ही है। वहीं दूसरी तरफ़ सरकार का सूचना विभाग लगातार पिछले 3 सालों से 10% क्षेतिज आरक्षण लागू होने का ढोल पीट रहा है तो कार्मिक विभाग नई भर्तियों की विज्ञप्तियां जारी किये जा रहा है जो कि आंदोलनकारी परिवारों के साथ एक प्रकार का छल है।
वरिष्ठ आंदोलनकारी केशव उनियाल ने कर्मचारी संगठन से जुड़े साथियों व अन्य आन्दोलनकारी ताकतों से आह्वाहन करते हुए कहा कि 10% की माँग इस राज्य के नौनिहालों के भविष्य से जुड़ी हुई है, आज उनको आप सभी के नैतिक बल की आवश्यकता है। नौनिहालों के भविष्य की इस लड़ाई को मुकाम तक पहुँचाने में वह अपना समर्थन प्रदर्शित करें।
इन सब बातों के चलते राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड राज्य के आंदोलनकारियों/आश्रितों के साथ लगातार की जा रही वादा खिलाफ़ी के चलते अब सयुंक्त मंच ने अब आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है जिसके प्रथम चरण में 01 अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर शहीद स्मारक देहरादून में धरना प्रारम्भ किया जा रहा है। जिसमें पूरे प्रदेश के आंदोलनकारी क्रमबद्ध तरीके से अपना समर्थन देने पहुचेंगे।