रजिस्ट्रार आफिस प्रकरणः वरिष्ठ अधिवक्ता को गुप्त स्थान पर ले जाकर पुलिस कर रही है पूछताछ

  देहरादून, 27 अगस्त : देर रात रजिस्ट्रार ऑफिस में प्रकरण  में वरिष्ठ अधिवक्ता कमल विरमानी को एसआईटी ने गिरफ्तार किया है। कई दिन की आंख मिचैली के बाद विरमानी अपने ही घर से एसआईटी हत्थे चढ़ गए। अधिवक्ता को पुलिस किसी गुप्त स्थान पर ले गई, जहां उनसे पूछताछ की जा रही है। विरमानी पर आरोप है कि उन्होंने अपने मुंशी और वकील इमरान के साथ मिलकर करोड़ों का खेल किया। मामले में अब तक नौ लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। सरकार की छवि को प्रभावित करने वाले इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंभीर रुख अपनाया था। उनके निर्देश पर इस मामले की जांच करने और गुनहगारों की धर पकड़ के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। जांच टीम ने शनिवार की देर रात कमल विरमानी को गिरफ्तार कर लिया। इससे पूर्व जमीनों की धोखाधड़ी में पुलिस द्वारा देहरादून के वकील इमरान सहित नौ आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, उनमें वकील कमल विरमानी का मुंशी भी शामिल है। उसकी गिरफ्तारी के बाद से ही विरमानी पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी। हालांकि अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए  वकील कमल विरमानी ने कोर्ट में सरेंडर की अर्जी भी लगाई थी। लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने कमल विरमानी को गिरफ्तार कर लिया।
शहर के वरिष्ठ वकील कमल विरमानी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस राजधानी में करोड़ों रुपए की जमीनों की धोखाधड़ी के मामले में पुलिस कुछ अन्य सफेदपोशों की भूमिका की जांच में जुट गई है। संभावना जताई जा रही है कि इस बहुचर्चित घोटाले में अभी कुछ और रसूखदारों को सलाखों के पीछे जाना पड़ सकता है।
सूत्रों के अनुसार पुलिस विरमानी को किसी गुप्त स्थान पर ले गई है। उनसे वहां पूछताछ की जा रही है।

अब तक हो चुकी छह गिरफ्तारी
रायपुर स्थित टी एस्टेट की 12.5 एकड़ जमीन के फर्जी रजिस्ट्री घोटाले मामले में फरार दो आरोपी पुलिस के हाथ आ गए हैं। पुलिस ने मुख्य आरोपी एडवोकेट इमरान अहमद और रजिस्ट्रार कर्मी अजय क्षेत्री को गिरफ्तार किया है। इससे पहले पुलिस ने देहरादून रजिस्टार कार्यालय में तैनात कर्मचारी डालचंद समेत असम निवासी टिंबर व्यापारी दो भाइयों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अभी तक इस मामले में पांच लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। बता दें कि हाल ही में देहरादून रजिस्ट्रार ऑफिस में जमीन से जुड़े दस्तावेजों से छेड़छाड़ का मामला सामने आया था। जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तक पहुंची। इतना ही नहीं सीएम धामी ने मामले का संज्ञान लेकर औचक निरीक्षण किया था। इसके बाद सीएम धामी ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को निर्देशित किया था। इस निर्देश पर देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने एक टीम गठित की। यह टीम अब तक मामले में मास्टरमाइंड समेत पांच लोग गिरफ्तार कर चुकी है। अभी भी पुलिस की जांच पड़ताल जारी है। उम्मीद जताई जा रही है कि अभी कई लोग और गिरफ्तार हो सकते हैं।


नगर निगम में भी दलाल सक्रिय,सरकारी और गैर सरकारी संपत्तियों पर नजर
इधर इस मामले में जानकारों का यह भी कहना है कि नगर निगम में भी बड़ी संख्या में भूमाफिया और दलाल सक्रिय है जोकि फर्जी कार्याे को अंजाम देने का काम करते है। सरकारी भूमि ठिकाने के लिए फर्जी कार्यो को अन्जाम दिया जा रहा है। इनकी गतिविधयों के चलते नगर निगम में भी लोगों के अस्समैंट व अन्य अभिलेखों में छेड़छाड की आशंका बनी रहती है। यानी आम आदमी के अधिकार यहां भी सुरक्षित नही है।  नगर निगम का रिकार्ड रूम भी दलालो और भूमाफियाओं के निशाने पर है। सूत्रों के अनुसार नगर निगम में मेयर के कई लोग खुद दलाली का काम करते है। जिन्हे मेयर ने अपने हिसाब से नगर निगम में कोई न कोई जिम्मेदारी दे रखी है। खासतौर पर इन्हे आउट सौर्सिंग कर्मचारियों से संबधित जिम्मेदारियां दी गयी है। वे अपना प्रभाव दिखाकर कई अवैध गतिविधियों को अंजाम दे सकते है। इसकी पूरी आशंका नगर निगम में बनी रहती है।  उनकी गतिविधियों पर भी प्रशासन की निगाह होनी चाहिए। इसके अलावा तहसील में दलालों के चंगुल से आज तक बाहर निकल नही पाया। पटवारियों और दलालों का गठजोड़ हमेशा से चुनौती बना रहा है।