देहरादून, 7 जुलाई: बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर एक बार फिर विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया है इस मामले को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने अपने समर्थकों के साथ गांधी पार्क में झमाझम बारिश के बीच धरना दिया गया।
उल्लेखनीय है कि एक साल से अधिक लंबा समय बीत जाने के बाद भी अभी तक यह मामला चंद कदम भी आगे नहीं बढ़ सका है। अंकिता भंडारी के माता- पिता का कहना है कि वह अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं लेकिन उनकी कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी इस बात को लेकर कई बार नाराजगी जता चुके हैं। उनका कहना है कि शासन-प्रशासन के स्तर पर इस मामले को ठंडे बस्ते में डालने के प्रयास किए जा रहे हैं। अंकिता के माता-पिता अगर जांच से संतुष्ट नहीं है तो क्यों इसकी जांच सीबीआई को नहीं सौंपी जा रही है क्यों सरकारी वकील को नहीं बदला जा रहा है ?
अपनी पूर्व समय में की गई घोषणा के अनुसार हरीश रावत आज बेहद खराब मौसम और बारिश के बीच भी गांधी पार्क में धरने पर डटे रहे उनका कहना है कि यह पहाड़ की बेटी को इंसाफ दिलाने की लड़ाई है अगर मैं इस लड़ाई को नहीं लडूंगा तो भगवान भी मुझसे पूछेगा कि तुमने क्या किया। उन्होंने कहा कि जब अंकिता के परिजन जांच से संतुष्ट नहीं है तो सरकार इसकी जांच किसी रिटायर्ड हाई कोर्ट के जज की निगरानी में सीबीआई से कराने से क्यों बच रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार के रवैया से लगता है कि कोई तो है जिसे सरकार बचाने का प्रयास कर रही है उनके साथ धरने पर प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा व महानगर अध्यक्ष गोगी सहित अनेक कांग्रेसी नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे।