विभिन्न संगठनों का कोर्ट परिसर के बाहर प्रदर्शन, कई कांग्रेसी गिरफ्तार
पौड़ी, 18 मार्च : उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता हत्याकांड मामले में आज शनिवार को कोटद्वार एडीजे कोर्ट में तीनों आरोपियों की पेशी हुई । पुलिस आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट लेकर पहुंची। इस दौरान विभिन्न संगठन कोर्ट परिसर के बाहर धरने पर बैठ गए। कई कांग्रेस कार्यकर्ता भी प्रदर्शन में शामिल हुए। वहीं, जैसे ही पुलिस आरोपियों को लेकर पहुंची कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। उन्हें रोका तो कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प शुरू हो गई। जिसके बाद पुलिस ने कोर्ट से सामने प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जबरन गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट ने तीनों आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए है। वहीं, तीनों ने अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार नहीं किया और कोर्ट से ट्रायल की प्रार्थना की। जिसके बाद कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 28 मार्च की तिथि नियत की है। साथ ही अंकित और पुलकित की जमनात प्रार्थना पत्र की याचिका भी कोर्ट ने खारिज कर दी।
एक आरोपी सौरभ भास्कर की जमानत याचिका कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद खारिज कर दी थी, लेकिन नियमित केस में तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ और अंकित पर आरोप तय करने की तिथि यथावत 18 मार्च रखी गई थी। आज आरोप तय होने के बाद सत्र परीक्षण शुरू हो जाएगा।
क्या था मामला
अंकिता भंडारी यमकेश्वर के वनांतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी। बीते वर्ष 18 सितंबर की रात को वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में अपनी कर्मचारी अंकिता भंडारी के गुमशुदा होने की शिकायत दी थी। करीब तीन दिनों तक इस मामले की ढिलाई से जांच की गई। इसके बाद शासन के निर्देश पर मामले को रेगुलर पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित से सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने सारी बात उगल दी। वनंत्रा रिजार्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट जॉब करने वाली पौड़ी निवासी अंकिता भंडारी से अनैतिक कार्य के लिए दबाव बनाया जा रहा था। इस बीच किसी वीवीआईपी की भी रिजार्ट में आने की बात सामने आयी थी। इस बात से परेशान अंकिता ने रिजॉर्ट की नौकरी छोड़ने का मन बना लिया था।
पुलकित को जब इस बात पता चला वह मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित के साथ अंकिता को लेकर ऋषिकेश घूमने के बहाने ले गया जहाँ से लौटते वक्त पुलकित और अंकिता के बीच नहर किनारे झगड़ा हुआ, जिसके बाद पुलकित ने अंकिता को नहर में धक्का दे दिया था। इसके बाद एसडीआरएफ ने 24 सितंबर को चीला पॉवर हाउस नहर से अंकिता भण्डारी का शव बरामद किया। इस मामले में बीजेपी नेता का बेटा पुलकित मुख्य आरोपी बनाते हुए पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित को जेल भेज दिया।इस केस की जांच के लिए डीआईजी कानून व्यवस्था पी. रेणुका देवी के नेतृत्व में एसआईटी टीम गठित की गई थी। बहरहाल अब मामला न्यायालय में है।
इन धाराओं में तय हुए आरोप
मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य छुपाना), 354 (ए) (छेड़खानी व लज्जा भंग) और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए।
दूसरे आरोपी सौरभ भास्कर पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य छुपाना) और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए।
तीसरे आरोपी अंकित गुप्ता पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य छुपाना) और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए।
जांच के मुताबिक आरोपी पुल्कित आर्य ने सोची-समझी साजिश के तहत अंकिता की हत्या की थी। ऋषिकेश के वनंत्रा रिजॉर्ट में चलने वाले काले कारनामों के खुलासे और अंकिता भंडारी को जानकारी होने की बात के चलते वारदात को अंजाम दिया। पुल्कित को डर था कि कहीं वह अंकिता की वजह से फंस ना जाए, इसलिए उसने 18 सितंबर को नहर में धक्का देकर मौत के घाट उतार दिया। उसने अंकिता की हत्या को हादसा दिखाने के लिए मोबाइल को आधार बनाया था।