देहरादून 22 जनवरी : रविवार को उत्तराखंड आंदोलनकारी संयुक्त परिषद के आह्वान पर उत्तराखंड महिला मंच, वरिष्ठ राज्य संयुक्त मोर्चा, अखिल भारतीय जनवादी महिला मंच,कौशल्या डबराल संघर्ष वाहिनी, नेताजी संघर्ष समिति, उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच परेड ग्राउंड स्थित कॉमेंट चौक पर एकत्रित हुए । अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के चलते राज्य आंदोलनकारीयो ने चिन्हीकरण व 10% आरक्षण,जोशीमठ समेत आपदाओं से जूझ रहे अन्य जनपदों लिए एक विशेष कमेटी की मांग व अन्य मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास के लिए कूच किया।
पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को हाथीबड़कला के पास बेरिकेटिंग लगा कर रोक दिया गया, जहां पर प्रदर्शनकारियों ने बैठकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। लगभग 3 घंटे के लम्बे प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई बार ज्ञापन देने को किसी उच्चाधिकारी को बुलाने की मांग की मग़र की पुलिस अधिकारी फ़ोन मिला कर उच्चाधिकारी के पहुंचने की बात करते।अंततः 3 घंटे से ज्यादा समय बीत जाने के बाद प्रदर्शनकारियों का सब्र का बांध टूट गया और वह पुनः बेरिकेटिंग पार करने में आमादा हो गए । बेकाबू होते प्रदर्शनकारियों की पुलिस से तीखी नोकझोंक शुरू हो गई उनका कहना था उन्हें 3 घंटे से ज्यादा हो गए अभी तक कोई भी उच्च अधिकारी को वार्ता के लिए क्यों नहीं पहुंचा ? तब जाकर 3:15 एसडीएम नरवीर नरेश दुर्गापाल ज्ञापन लेने पहुंचे।


उत्तराखंड संयुक्त परिषद के संरक्षक नवनीत गुसाईं ने कहा कि वह लोग लंबे समय से विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं मगर सरकार न तो उनका सुध ले रही है और न ही उसका निस्तारण का प्रयास कर रही है। जिस कारण उत्तराखंड आंदोलनकारीयों रोष व्याप्त है। वही केंद्रीय अध्यक्ष विपुल नौटियाल ने कहा कि प्रशासन द्वारा लगातार सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है हो कुछ नहीं रहा। महासचिव जगमोहन सिंह रावत ने कहा सभी आंदोलनकारीयों को एकजुट होकर सरकार पर दवाब बनाना होगा तभी कुछ हो पायेगा । अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति के अध्यक्ष इन्दु नौडियाल ने पर्यावरण संरक्षण पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार को इस विषय पर गंभीरता से सोचना होगा अन्यथा जोशीमठ जैसी आपदा कहीं भी आ सकती है। उन्होंने इसके लिए एक विशेष कमेटी बनाने का सुझाव भी दिया।

  वहां मौजूद पुलिस के आलाधिकारी प्रदर्शनकरियों को कहते रहे कि उच्चाधिकारी पहुँच रहें हैं मगर 3 घंटे के बाद जब उनके सब्र का बांघ टूटा तब जाकर  3:15 एसडीएम नरवीर नरेश दुर्गापाल ज्ञापन लेने पहुंचे। उसके बाद आंदोलनकारीयों ने अपना धरना समाप्त कर दिया और वही बैठ कर भोजन करने लगे। बेरिकेटिंग से आमजन को हो रही असुविधा को भी देखते हुए उन्होंने पुलिस अधिकारीयों से बेरिकेडिंग खोलने का अनुरोध भी किया मगर यह देख कर बेहद अचरज हुआ कि धरना समाप्त हो जाने के बाद भी वह लोग वहां से नहीं हिले। जिसे आंदोलनकारियों ने कल एसएसपी महोदय द्वारा पुलिस लाइन में चल रही बैठक से जोड़ कर देखा गया। 

ऋषिकेश से अपने दल-बल समेत पहुंचे रेनू नेगी, विक्रम भंडारी व सरोजनी थपलियाल ने कहा कि वह अकिंता भंडारी के हत्यारों को सज़ा दिलवाने के लिए लगातार आंदोलनरत हैं और जब तक उनके दोषियों को सजा नहीं मिल जाती वह रुकने वाले नहीं हैं । उन्होंने खुद को संयुक्त परिषद की मांगों भी समबन्ध करते हुए कहा जब तक इनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती वह उनके आंदोलन को इसी तरह समर्थन देते रहेंगे। उनके साथ आने वाले साथियों में रूकम पोखरियाल ,राजेश शर्मा, विनोद रतूड़ी, बृजेश डोभाल, वीना बहुगुणा,लक्ष्मी बुढाकोटि, लक्ष्मी कठैत , सरला नेगी, मंजू भट्ट, सावित्री, सुंदरी डंगवाल, रोशनी सिलस्वाल, गणेश कंडवाल, जया डोभाल, उमेश कंडवाल, स्वरूपी देवी, विमला, रोशन,सुमिता बिष्ट, सरोजिनी रावत, वीरा कठैत, महावीर पवार, ब्रज बहुगुणा,जया नौडियाल ,अनिल भट्ट, प्रमिला रमोला, विक्रम भट्ट आदि थे ।

प्रदर्शन करने वालों में परिषद के जिलाध्यक्ष सुरेश कुमार उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष जगमोहन नेगी, प्रदीप कुकरेती, संयुक्त मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष विनोद असवाल, उत्तराखंड महिला मंच की निर्मला बिष्ट, कर्मचारी परिषद् के संतान सिंह रावत, हरि सिंह महर, सुदेश सिंह, मनमोहन देगी, जबर सिंह पावेल, मोहन रावत, गणेश डंगवाल,भानु बंगवाल अम्बुज शर्मा आदि उपस्थित थे।
आंदोलनकारीयों की अन्य मांगों में हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर धारा 371 व पेंशन पट्टा लागू किये जाने की भी मांग करी गई।

#Uttarakhand agitational joint marched to Chief Minister’s residence for various demands