देहरादून। विधानसभा भर्ती घोटाले को लेकर शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने जांच समिति की संस्तुतियों को स्वीकार करते हुए बताया कि वर्ष 2016 से लेकर 2022 तक हुई 228 तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त करने का शासन को प्रस्ताव भेजा है। इसके अलावा उन्होंने उपनल से लगे 22 उपनल कर्मियों की नौकरियों को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है।
प्रेमचंद अग्रवाल के घर की सुरक्षा बढ़ी
विधानसभा अध्यक्ष रहते प्रेमचंद अग्रवाल ने बैकडोर से यह भर्तियां कराई थीं और बाद में वित्त मंत्री बनने पर इन भर्तियों को मंजूरी भी दे दी।
कई नेताओं के पीआरओ और रिश्तेदारों को यहां नौकरियां मिली हैं। उत्तराखंड में विधानसभा गठन की नींव पड़ते ही बैकडोर भर्तियों का खेल शुरू हो गया था। पहले स्पीकर रहे प्रकाश पंत से लेकर यशपाल आर्य, हरबंश कपूर, गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में विधानसभा में बैकडोर भर्तियां की गई।
अलबत्ता, किसी ने सीमित संख्या में तो कइयों ने बंपर भर्तियां कर डाली। इसी साल विधानसभा चुनाव आचार संहिता से पहले भी तत्कालीन अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल का कार्यकाल में बैकडोर जरिए 72 भर्तियों की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन तब वित विभाग के पेंच के चलते नियुक्ति की प्रक्रिया अटक गई थी।
भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल में 29 मार्च को प्रेमचंद अग्रवाल को जैसे ही वित्त महकमा मिला तो अगले दिन संबंधित फाइल को हरी झंडी मिल गई। सूत्रों ने बताया कि इन भर्तियों में ज्यादात्तर नेताओं के करीबियों को नौकरी दी गई है।
विधानसभा भर्ती घोटाले को लेकर लगातार जहां एक तरफ पूरे उत्तराखंड में सवाल किए जा रहे थे तो वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी द्वारा विधानसभा भर्ती घोटाले पर गठित की गई 3 सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष ने सार्वजनिक कर दी है। शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए ऋतु खंडूड़ी ने बताया कि उन्हें गुरुवार देर रात जांच कमेटी की 214 पन्नों की रिपोर्ट प्राप्त हुई। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने बताया कि वर्ष 2016 में 150, 2020 में 6 और 2021 में 72 (कुल 228) तदर्थ नियुक्तियां हुई हैं। इनको तत्काल प्रभाव से निरस्त करने के लिए विधानसभा शासन को प्रस्ताव भेज दिया जाएगा। वहीं, इसके अलावा विधानसभा के माध्यम से वर्ष 2021 में आयोग के माध्यम से निकाली गई 32 पदों की भर्तियों में भी वित्तीय अनियमितता पाई गई हैं। इसके तहत विधानसभा सचिव मुकेश सिंगल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उन्हें पद से हटा दिया गया है। इसी एवज में विधानसभा में उपलब्ध के माध्यम से रखे गए 2021-22 के अन्य कर्मचारियों की तैनाती को भी तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने भाजपा सरकार की पारदर्शिता नीति पर काम करते हुए नियुक्तिां रद्द करने का निर्णय लिया है। निर्णय काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा कि आगे होने वाली भर्तियां पारदर्शी और व्यवस्थित तरीके से हों, इसके लिए पूरा खाका तैयार किया जाएगा। आगे सभी भर्तियां नियम और नियमावली के तहत होंगी।