मुख्यालय की जमीन को लेकर शासन की अनुमति के आदेश नहीं।
चाय बागान और ग्रामीण भू-कानून के तहत यह जमीन सरकार की।
देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा चाय बागान की 350 बीघा जमीन के जांच के आदेश के बाद अब भाजपा मुख्यालय की जमीन भी विवादों में आ गयी है। इस मामले में जनहित याचिका दायर करने वाले सोशल एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने दावा किया है कि भाजपा मुख्यालय की जमीन के लिए शासन से अनुमति नहीं ली गयी है। ऐसे में यह जमीन भाजपा की नहीं, प्रदेश सरकार की है।
सोशल एक्टिविस्ट विकेश नेगी ने कहा कि उन्होंने स्टाम्प एवं निबंधक विभाग से सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत लाडपुर स्थित भाजपा मुख्यालय की जमीन संबंधी जानकारी मांगी। इसमें कहा गया भाजपा प्रदेश मुख्यालय की जमीन की रजिस्ट्री के लिए 154 (3) के तहत शासन की अनुमति चाहिए थी। क्योंकि 2011 में यह जमीन खरीदी गयी। भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष बच्ची सिंह रावत के नाम ये यह जमीन खरीदी गयी।
एडवोकेट नेगी के मुुताबिक उस दौरान लाडपुर ग्रामीण क्षेत्र था और 200 वर्ग मीटर से अधिक की जमीन के लिए शासन की अनुमति की जरूरी थी। भाजपा का प्रदेश कार्यालय की जमीन लगभग 16 बीघा है। उन्होंने बताया कि आरटीआई के तहत मांगी गयी जानकारी में निबंधक विभाग ने कहा है कि उनके पास संबंधित जमीन का अनुमति पत्र नहीं हैं। एक्टिविस्ट विकेश नेगी के अनुसार इस आधार पर उक्त जमीन सरकारी है। उनके अनुसार चाहे चाय बागान की जमीन को आधार बनाया जाए या चाहे ग्रामीण क्षे़त्र का आधार हो, भाजपा मुख्यालय की जमीन सरकार में निहित है। यानी भाजपा जिस जमीन पर मुख्यालय बनाने जा रहा है विधिक तौर पर वह जमीन सरकार की है। एडवोकेट विकेश सिंह नेगी ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि जमीन खरीद फरोख्त के मामले में भाजपाईयों ने ही भाजपा के साथ धोखाधड़ी की है।
गौरतलब है कि नैनीताल हाईकोर्ट ने लाडपुर, चकरायपुर, रायपुर और नत्थनपुर में चाय बागान की 350 बीघा सीलिंग की जमीन की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी है। इस संबंध में हाईकोर्ट ने शासन से रिपोर्ट मांगी है। जिला प्रशासन ने एक टीम का गठन कर विवादित भूमि की जांच शुरू कर दी है।
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