यह कैसी अनहोनी मालिक यह कैसा संयोग
कैसी-कैसी कुर्सी पर हैं कैसे-कैसे लोग ?
देहरादून, 1 मई : सयुंक्त मंच द्वारा शहीद स्मारक देहरादून में,राज्य आंदोलनकारियों को राज्याधीन सेवाओं में देय 10 % क्षैतिज आरक्षण की बहाली को लेकर विगत 1 माह से चलाया जा रहा धरना व क्रमिक अनशन 21वें दिन भी जारी रहा।
संयुक्त मंच के सह_संयोजक अम्बुज शर्मा ने बताया कि 30 जून को आंदोलनकारियों के संदर्भ में सचिवालय में होने वाली बैठक में कुछ विभागों के सचिवों के न आने के कारण रद् कर दी गई। अपर सचिव ने एस.एस. वल्दिया ने कड़ी प्रतिक्रिया वयक्त करते हुए अब समस्त विभागों को अगले एक सप्ताह के भीतर सभी आन्दोलनकारी कर्मचारियों कि सूची प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं ।
सनद रहे कि प्रदेश की पहली निर्वाचित सरकार एन डी तिवारी की सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों को राज्य निर्माण में उनके महत्वपूर्ण योगदान का सम्मान करते हुए राज्याधीन सेवाओं में 10% क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था दी थी, जिसे बाद में सरकारी वकीलों की लचर पैरवी के चलते माननीय उच्च न्यायलय के 18 दिसंबर 2018 को दिये अपने फेसले के बाद पश्चगामी प्रभाव , यानि जब से लागू हुआ (2004 ) से निरस्त कर दिया गया है। जिसके बाद आंदोलनकारी कोटे से राज्याधीन सेवाओं में कार्यरत लगभग 1443 कर्मचारियों ( ये आंकड़ा राज्य सरकार केस की सुनवाई के दौरान शपथ पत्र के साथ उच्च न्यायलय में प्रस्तुत किया था ) की नौकरी खतरे में है, ओर उसी के विरोध में विगत एक माह से संयुक्त मंच शहीद स्मारक में धरना व अनशन कर रहा है।
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क्रमिक अनशन 21वें दिन भी जारी रहा।
आज क्रमिक अनशन में ब्रह्मखाल उत्तरकाशी से आए रामचन्द्र नौटियाल व देहरादून के विमल जुयाल बैठे।
वहीं आज के धरने में कोटद्वार के क्रांति कुकरेती, श्रीनगर से आए पूर्वानन्द बंगवाल,नारायण बगड़ चमोली से रणजीत सिंह रावत, सभासद नगर पंचायत थराली हरीश पंत,सेलाकुई से शूरवीर सिंह चौहान, राष्ट्रीय उत्तराखंड पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष नवनीत गुसाईं, प्रभात डंडरियाल, अम्बुज शर्मा, चिनयालीसौढ़, उत्तरकाशी से विकास रावत, शैलेन्द्र राणा ,सूर्यकांत बमराडा, विकास नगर से राम किशन, देहरादून से वीरेन्द्र रावत, हरि प्रकाश शर्मा आदि बैठे थे।
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