31 मार्च से देश में सभी कोविड-19 प्रतिबंधों को हटाने की खबरों ने खूब जोर पकड़ा था। इसके बाद ही सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की थी कि प्रतिबंधों को हटाने का मतलब यह नहीं है कि कोरोना खत्म हो गया। विशेषज्ञों ने भविष्यवाणी की है कि भारत में अगस्त में कोविड -19 की चौथी लहर आ सकती है। देश में भले ही कोविड-19 के मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही है। लेकिन, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के अनुसार भारत में ओमिक्रॉन के BA.2 सब वेरिएंट की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। एनसीडीसी के निदेशक सुजीत कुमार सिंह ने कहा, ‘पहले यात्रियों से एकत्र किए गए सैंपल्स में BA-1 वेरिएंट प्रमुख था। अब सामुदायिक सेटिंग्स में पाया गया कि BA-2 वेरिएंट धीरे-धीरे बढ़ रहा है। दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस का प्रकोप एक बार फिर शुरू हो चुका है।

अमेरिका और ब्रिटेन समेत एशिया और यूरोप के कई देशों में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले कुछ हफ्तों से कई देशों में कोरोना के नए मामलों की संख्या में अचानक इजाफा हुआ है। कोरोना की चौथी लहर की आशंका बनी हुई है। चिकित्सक सभी को एहतियात रखने की सलाह दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कोविड की जांच बंद कर दी गई है। प्रतिदिन कोविड जांच के लिए लोग अस्पताल में भटकते नजर आते हैं। बाद में जांच न होने की बात सुनकर निराश लौट जाते हैं। दिल्ली सहित कुछ राज्यों में कोरोना के नए मरीज बढ़ रहे हैं। मरीजों की संख्या को देखते हुए अब फिर से कोरोना को लेकर पाबंदियां लगाने की संभावनाओं से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है।

चिकित्सक भी कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी को एहतियात रखने की सलाह दे रहे हैं। फेस मास्क लगाकर रखने को कह रहे हैं। वहीं भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से परहेज रखने की भी सलाह चिकित्सकों की ओर से दी जा रही है। कोई भी लक्षण आने पर कोविड जांच कराने की बात कही जा रही है। वहीं अस्पताल में कोविड जांच बंद कर दी गई है। दो सप्ताह से यहां पर कोविड जांच बंद है, जबकि प्रतिदिन लोग कोविड जांच के लिए यहां आते हैं। कोविड जांच कराने के लिए आने वालों व्यक्तियों का कहना है कि निजी पैथोलाजी लैब में कोविड की जांच काफी महंगी है। वहीं अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि उपनल व निजी एजेंसी के माध्यम से कोविड जांच के लिए जो स्वास्थ्य कर्मी तैनात थे, उनकी सेवाएं अब खत्म हो गई हैं। इसके चलते कोविड जांच अब नहीं हो रही है। उच्चाधिकारियों की ओर से जो निर्देश प्राप्त होंगे, उसके आधार पर कार्य किया जाएगा।

वैश्विक महामारी कोरोना के नए वेरियेंट का संक्रमण दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में बढ़ना लगा है। एक बार फिर खतरे की आहट से निपटने के लिए न प्रशासन सजग हैं न आम-जन। मास्क लगाना, दो गज की दूरी लोग भूल गए हैं। डर है कि यदि समय से सचेत नहीं हुए तो कही ये लापरवाही सेहत पर भारी न पड़ जाए।अभी कोरोना पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। देश के कई हिस्सों में कोरोना के नए वेरिएंट के संक्रमित मिलना शुरू हो गए हैं। डब्ल्यूएचओ ने कोरोना की चौथी लहर के खतरे का अंदेशा भी जताया है। इसके बावजूद लोग आने वाले खतरे से बेपरवाह बिना मास्क के घूम रहे हैं। मांगलिक व धार्मिक आयोजनों और बसों व ट्रेनों में सभी लापरवाही करते देखे जा रहे हैं। बस स्टैंड, बाजार, चाय-पान, चाट-पकोड़ों, अंडे-बिरयानी की दुकानों में लोगों की भीड़ बनी हैं। स्कूलों, दफ्तरों में भी बेपरवाही है। सही मायने में लोग कोरोना की दूसरी लहर में मची तबाही का खौफ और गाइड लाइन भूल गए हैं। आशंका है कि यदि लापरवाही यूं ही चलती रही तो रोज आने वाली बसों व ट्रेनों से कोरोना की चौथी लहर के संक्रमित आने और संक्रमण फैलने का खतरा कोई नहीं रोक सकेगा।

आम लोग तो लापरवाह बने हैं वहीं प्रशासन भी इस खतरे के प्रति जरा भी सजग नहीं है। अस्पताल के सिविल सर्जन का कहना है तीसरी लहर से निपटने के लिए अस्पताल में आक्सीजन, बैड सहित अन्य तैयारियां की गई थीं, यदि चौथी लहर का संक्रमण फैलता है कि कोरोना वायरस घात लगाकर हमला करता है। देश में चौथी लहर का संक्रमण फैलने लगा है ऐसे में जरूरी है कि लोग भयभीत हुए बिना अभी से सजगता बरतें। देश में कोरोना ने फिर से पांव पसारना शुरू कर दिया है। ये चौथी लहर की आहट भी हो सकती है। कम से कम आंकड़े तो इसी तरफ इशारा कर रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर से सभी को सतर्क रहने की जरूरत है। दुनिया में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 50 करोड़ के पार पहुंचा। दुनिया के 10 देशों में कोरोना की चौथी लहर ने दस्तक भी दे दी है। इनमें अमेरिका, ब्राजील, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, रूस, इटली, फ्रांस, जापान, थाईलैंड, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रिया शामिल हैं। 

पिछले 7 दिनों में दिल्ली से सटे नोएडा में 44 बच्चे कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुनील कुमार ने ये जानकारी देते हुए बताया कि 44 में से 16 बच्चों की उम्र 18 साल से कम है। देश भर में कोविड ( COVID-19 ) मरीजों की संख्या में गिरावट के बाद, नोएडा में कोविड संक्रमण दर फिर से बढ़ती दिख रही है और सक्रिय मामलों की संख्या 150 का आंकड़ा पार कर गई है। नोएडा और आसपास के क्षेत्रों के सभी स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि किसी भी बच्चे को खांसी, जुकाम, बुखार, दस्त, या कोविड-19 का कोई लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें। बच्चों के कोविड-19 परीक्षण के बाद, कुछ स्कूलों ने ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर दी हैं। इस बीच, दिल्ली सरकार (ने स्कूलों को भी निर्देश दिया है कि यदि कोई मामला सामने आता है तो संबंधित विभाग या यहां तक कि पूरे स्कूल को कुछ समय के लिए बंद कर देना चाहिए। इस बीच, भारत में शुक्रवार को 949 मामले दर्ज किए गए, जबकि इससे एक दिन पहले कोविड संक्रमण के 1,007 मामले दर्ज किए गए थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार सुबह कहा कि पिछले 24 घंटों में, देश भर में कोविड से केवल 6 मौतें हुई हैं। दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। वहां स्कूली बच्चों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। स्कूल बंद किये जा रहे हैं।

इसके इतर से पर्यटक सीजन होने के बावजूद उत्तराखंड में कोरोना को लेकर कोई भी सख्ती नहीं रखी जा रही है। जबकि इन दिनों राज्य में बाहर से आने वाले पर्यटकों में ज्यादातर लोग दिल्ली के ही हैं। राज्य में इन दिनों कोरोना के मामले कम आ रहे हैं। पिछले दिनों कोरोना को लेकर राज्य में सभी नियमों को खत्म कर दिया गया। वजह बताई गई कि इन दिनों कोरोना के मामले कम हो रहे हैं। इधर दिल्ली में कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। राज्य में भी पर्यटन सीजन शुरू हो गया है। यहां बाहर से आ रहे पर्यटकों को लेकर कोई भी नियम नहीं है। न तो बॉर्डर पर जांच की जा रही है और न ही उत्तराखंड आने के लिए कोरोना की आरटीपीसीआर की निगेटिव जांच जरूरी है। तीसरी लहर के दौरान नैनीताल में पर्यटकों की भी जांच की जा रही थी। इस बार ऐसा भी नहीं किया जा रहा है। कोविड की लहर के बाद पिछली बार भी यह देखने में आ चुका है कि लहर खत्म होने के बाद स्थिति पूरी तहर से नियंत्रण में आ जाती है। हालांकि जब कोविड की लहर शुरू होती है तो 15 दिन में स्थिति पूरी तहर से बदल जाती है राज्य में 12 से 14 साल आयुवर्ग के 164290 बच्चों को कार्बोवैक्स का टीका लग गया है। 15 से 17 साल आयुवर्ग के 485717 किशोरों को पहला और 328017 किशोरों को दूसरा टीका लग गया है। टीकाकरण की बात करें तो इस समय टीकाकरण तेज रफ्तार से चल रहा है। हालांकि तीसरी लहर के दौरान यह देखने में आया कि टीकाकरण के बाद भी कोविड हो सकता है। हालांकि ऐसे लोगों की अस्पताल में कम होने की भर्ती होने की नौबत कम आती है।  डीआरडीओ ने राज्य में जहां भी कोविड केयर अस्पताल स्थापित किए थे उन सभी को बंद कर दिया गया है। हल्द्वानी में भी अस्पताल बंद किया जा चुका है। यहां तक की यहां पर मौजूद संसाधनों को भी डीआरडीओ वापस ले जा रहे है। हल्द्वानी के मिनी स्टेडियम में दूसरी लहर के दौरान मरीजों का उपचार के लिए बेड लाए गए थे। हालांकि उनका भी इस्तेमाल नहीं हो सका है।

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला (दून विश्वविद्यालय )

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