देहरादून 09 जनवरी: प्रेस क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता में उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण ने कहा कि सरकार द्वारा उनके खिलाफ़ कि गई कार्यवाही राजनीतिक से प्रेरित है, उनका आदेश पूरी तरह से गेरकानून है। उन्होंने बताया कि पहले भी इस मामले में उनके खिलाफ सरकार के पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में जिलाधिकारी द्वारा फ़िर उसके बाद एक उच्च स्तरीय जांच गढ़वाल कमिश्नर द्वारा कि जा चुकी है। जिसमे गढ़वाल कमिश्नर तक ने उनको क्लीनचिट दी थी । अब वह इस पूरे मामले को लेकर न्यायालय की शरण में जा रहे हैं। उन्होंने न्यायालय पर भरोसा जताते हुए कहा कि अब वह वहीं से ही पूरी तस्वीर साफ़ करवायेंगे।
दीपक ने कहा कि गढ़वाल कमिश्नर ने अपनी जांच के बाद स्पष्ट किया था कि गड़बड़ी में जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण की कोई भूमिका नहीं है। पूरे प्रकरण में कोर्ट में सुनवाई के दौरान भी शासन की ओर से यह कहा गया कि जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण निर्दाष हैं। इसके बाद एक और याचिका जांच के लिए दायर की गई । कोर्ट ने सरकार से जब इस मामले में जवाब मांगा तो बाकायदा मुख्य सचिव उत्तराखंड ने शपथपत्र देकर स्वीकार किया कि जिला पंचायत उत्तरकाशी में किसी प्रकार के वित्तिय अनियमितायें अध्यक्ष द्वारा नहीं पाई गई।
मेरे कांग्रेस में शामिल होने के बाद अचानक मुझे पद से हटाने का सरकारी फ़रमान जारी हो जाता है जिससे स्पष्ट है कि सरकार राजनीतिक भावना से प्रेरित होकर उनके खिलाफ़ कार्रवाई कर रही है। उनका कहना है कि सरकार ने जिस तरह से आचार संहिता लागू होने के ठीक पहले जो कार्रवाई की है वह कानूनन तो गलत तो है ही, साथ ही यह भी साबित करती है कि सरकार बदले की भावना से यह सब कर रही है । उन्होंने कहा कि अब जनता तय कर चुकी है कि 2022 में भाजपा को सत्ता से खदेड़ना ही है।