भाजपा के सबसे वरिष्ठ विधायक हरबंस कपूर अब हमारे बीच में नहीं है हरबंस कपूर का जन्म (जन्म 7 जनवरी 1946) में हुआ वो एक ऐसे राजनीतिज्ञ रहे जिन्हें उत्तराखंड राजनीति का भीष्म पितामाह कहे तो गलत नही होगा , आज उनके निधन ने उत्तराखंड बीजेपी को एक बड़ा झटका तो दिया ही है साथ ही उनकी खाली हुई जगह को आने वाले कई सालों तक भरने वाला चेहरा भी नजर नहीं आ रहा है आपको बता दें भारतीय जनता पार्टी के वह सच्चे सिपाही थे। वह उत्तराखंड विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष हैं। वह 2007 से 2012 तक स्पीकर रहे। वे देहरा खास सीट से विधानसभा के लिए चुने गए। 1985 में पहली हार के बाद, उन्होंने कभी भी विधान सभा चुनाव नहीं हारे और देहरादून से लगातार आठ बार (उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य के रूप में और उत्तराखंड विधान सभा के चार सदस्य के रूप में चार बार जीतकर विधानसभा पहुंचे.
संक्षिप्त परिचय
हरबंस कपूर पूर्व अध्यक्ष, विधान सभा, उत्तराखण्ड
पिता का नाम – स्व. श्री सोहन लाल
जन्म तिथि – 07 जनवरी, 1946
जन्म स्थान – बन्नु (अविभाजित भारत)
शिक्षा – बी.ए.सी., एल.एल.बी
व्यवसाय – अधिवक्ता
पत्नी का नाम – श्रीमती सविता कपूर
संतान – दो पुत्र एक पुत्री
लगातार आठ बार विधान सभा के सदस्य निर्वाचित (चार बार उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य तथा चार बार उत्तराखण्ड विधान सभा के सदस्य)
उत्तर प्रदेश सरकार में ग्राम्य विकास, श्रम, सेवायोजन राज्यमंत्री, वर्ष 1991-92
उत्तर प्रदेश विधान सभा की याचिका समिति, लोक लेखा समिति, आवास समिति तथा आश्वासन समिति आदि में सदस्य
उत्तराखण्ड की पहली बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष
उत्तराखण्ड विधान सभा की नियम समिति एवं लोक लेखा समिति के सदस्य, वर्ष 2003 – 04
उत्तराखण्ड विधान सभा की आवास एवं व्यवसाय सलाहकार समिति के सदस्य, वर्ष 2004-05
12 मार्च, 2007 को सर्वसम्मति से उत्तराखण्ड विधान सभा के अध्यक्ष निर्वाचित
राष्ट्रिय कार्यकारिणी सदस्य – भारतीय जनता पार्टी
विशेष अभिरुचि
अध्ययन, भ्रमण, सामाजिक कार्यो में भागीदारी
सामाजिक क्रियाकलाप
भारत विकास परिषद, देहरादून जिला क्रीड़ा संघ एवं कई शिक्षण एवं सामाजिक संस्थाओं के सदस्य
उत्तरांचल संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष एवं उत्तराखण्ड आन्दोलन के दौरान 15 दिन तक उन्नाव जेल में बन्दी
जब #हरबंस_कपूर जी ने किया था #उत्तराखंड_राज्य_आन्दोलनकारीयों को सम्मानित