केदारनाथ में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में “नरेंद्र मोदी में है आदिगुरू जैसी जिजीविषा, संकल्प और धैर्य” बताते हुए केदारनाथ मंदिर का स्मृति चिन्ह दिया । इस मौके पर पीएम मोदी ने कई परियोजनाओं का शिलान्यास किया । पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि 5 सालों में केदारनाथ में सैकड़ों रुपए के कार्य हुए ,बद्रीनाथ धाम के लिए 245 करोड़ रुपए की धनराशि भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वीकृत हुए है । गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए भी करोड़ों रुपए के कार्य स्वीकृत हो गए हैं ।

केदारनाथ पहुँचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले मंदिर में यहां बाबा केदार का रुद्राभिषेक किया, इसके बाद विकास कार्यों की समीक्षा कर 250 करोड़ रुपये केदारपुरी पुनर्निर्माण के दूसरे चरण की परियोजनाओं की आधारशिला रखी । जिसमें आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि से संबंधित परियोजना भी शामिल है ।

आदि शंकराचार्य की प्रतिमा के अनावरण के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने लंबे भाषण में अयोध्या, मथुरा, काशी और सारनाथ का जिक्र कर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा भगवान श्रीराम की जन्मभूमि को सदियों बाद पुराना गौरव वापस मिल रहा है। उन्होंने अयोध्या में दीपोत्सव को सांस्कृतिक गौरव बताते हुए कहा कि इससे पुरे विश्व में हिंदुत्व की अलख जगी हैं । आज भले ही ज्यादा लोग सशरीर यहां नहीं पहुंचे हैं, लेकिन वर्चुअल माध्यम से लोग हमें आशीर्वाद दे रहे हैं। आप सभी शंकराचार्य की समाधि की पुनर्स्थापना के साक्षी बन रहे हैं। हमारा देश तो इतना विशाल है और इतनी महान ऋषि परंपरा है कि एक से बढ़कर एक तपस्वी आज भी भारत के हर कोने में आध्यात्मिक चेतना को जगाते रहते हैं ।

तीन साल बाद एक बार फिर से केदारनाथ धाम पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह उत्तराखंड का दशक है। अब पानी और जवानी दोनों पहाड़ के काम आएंगे। कोरोना न होता तो चारधाम यात्रा के लिए आने वाले यात्रियों की संख्या पहले से कहीं ज्यादा होती। बीते 100 सालों में जितने यात्री आए होंगे, उससे ज्यादा लोग अगले 10 सालों में ही आ जाएंगे।

केदारनाथ त्रासदी का जिक्र कर मोदी हुए भावुक :- आज गोवर्धन पूजा के दिन मुझे केदारनाथ जी के दर्शन का मौका मिला है। बाबा केदारनाथ के दर्शन के साथ ही मैंने आदि शंकराचार्य की समाधि पर कुछ पल मैंने बिताए। वह मेरे लिए एक दिव्य अनुभूति का था। वहां बैठते ही लग रहा था कि आदि शंकराचार्य की आंखों से वह प्रकाश पुंज प्रवाहित हो रहा है, जो भव्य भारत का विश्वास जगा रहा है। शंकराचार्य की समाधि एक बार फिर और अधिक दिव्य स्वरूप के साथ हम सबके बीच है। इसके साथ ही सरस्वती तट पर घाट का निर्माण भी हो चुका है। केदारनाथ धाम में आई आपदा से मैं व्यथित हो गया था और तुरंत दौड़ा चला आया था। लेकिन मुझे विश्वास था कि एक दिन केदारनाथ धाम यूं ही खड़ा हो जाएगा। यह बाबा केदारनाथ के आशीर्वाद और शंकराचार्य की तपस्या से पूरा हो सकेगा।

जब भी यहां आता हूं, कण-कण से जुड़ जाता हूं :- ऐसे अनेकों संत गण आज भी देश के हर कोने में हैं कि उनका नाम लेने में भी एक सप्ताह कम पड़ जाएगा। यदि कोई नाम छूट भी गया तो पूरी जिंदगी के लिए पाप के बोझ में दब जाऊंगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने संतों को प्रणाम करते हुए कहा कि मुझे उम्मीद है कि वे जहां भी हैं, वहां से हमें आशीर्वाद देंगे। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं जब भी बाबा केदारनाथ धाम आता हूं तो यहां के कण-कण से जुड़ जाता हूं। यहां आकर ऐसी अनुभूति होती है कि उसके बारे में व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। दीपावली के मौके पर मैं सैनिकों के साथ था और आज तो मैं सैनिकों की ही धरती पर हूं।

केदारनाथ धाम में मैंने पूरा होते देखा अपना सपना :- अपने स्वप्न को मैंने केदारनाथ के पुनर्निर्माण से पूरा होते देखा है। इससे बड़ा संतोष क्या हो सकता है। जिसकी मिट्टी और जिसकी हवाओं ने मुझे कभी पाला-पोसा था। उसकी सेवा का सौभाग्य मिलने से बड़ा पुण्य क्या हो सकता है। मैं अकसर ड्रोन टेक्नोलॉजी की मदद से केदारनाथ धाम पर चल रहे काम को देखता रहता था। बर्फबारी के बीच भी बाबा केदारनाथ धाम में चल रहा काम रुका नहीं। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जो कल्याण करे, वही शंकर है। शंकराचार्य का पूरा जीवन जितना असाधारण था, उतना ही वे जनसाधारण के कल्याण के लिए समर्पित थे।

https://jansamvadonline.com/shameful-decree-6-sacked-women-will-be-reinstated-only-if-they-come-wearing-a-garland-of-shoes/mahila-jagat/bureau/