देहरादून,चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों की तय सीमित संख्या को समाप्त करने के नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले का पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने स्वागत किया है। प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों की सीमित संख्या की बाध्यता को समाप्त करने के फैसले का स्वागत किया है। श्री सतपाल महाराज ने कहा कि न्यायालय के इस फैसले से निश्चित रूप से प्रदेश में पर्यटन एवं तीर्थाटन को एक नई ऊर्जा मिलेगी। कोर्ट में जोरदार ढंग से सरकार का पक्ष रखने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का भी आभार व्यक्त किया है।
नैनीताल हाइकोर्ट ने बदरीनाथ-केदारनाथ सहित चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाए जाने के मामले को लेकर दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। हाइकोर्ट ने चारों धाम में श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या से रोक हटा दी है। अब तीर्थ यात्री बेरोकटोक चारधाम यात्रा के लिए जा सकेंगे। साथ ही हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि शासन को कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करवाना होगा। कोर्ट के इस आदेश से सरकार सहित दूसरे प्रदेशों से आने वाले तीर्थ यात्रियों, चारधाम यात्रा रूट पर होटलों, दुकानदारों आदि स्थानीय लोगों को भी बड़ी राहत मिली है। मुख्य न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने उत्तराखंड सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि चारधाम यात्रा शुरू करने के लिए तीर्थ यात्रियों की सख्यां को निर्धारित किया गया था। साथ ही, तीर्थ यात्रियों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की भी सख्त हिदायत दी गई थी। माधिवक्ता द्वारा कहा गया कि चारधाम यात्रा करने के लिए कोविड को देखते हुए कोर्ट ने पूर्व में श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित कर दी थी। लेकिन वर्तमान समय मे प्रदेश में कोविड के केस ना के बराबर आ रहे है। इसलिए चारधाम यात्रा करने के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या के आदेश में संशोधन किया जाए।कहा कि चारधाम यात्रा समाप्त होने में 40 दिन से कम का समय बचा हुआ है। इसलिए जितने भी श्रद्धालु वहां आ रहे है उन सबको दर्शन करने की अनुमति दी जाए। जो श्रद्धालु ऑनलाइन दर्शन करने हेतु रजिस्ट्रेशन करा रहे है, वे भी नहीं आ पा रहे हैं। जिसके कारण वहां के स्थानीय लोगो पर रोजी-रोटी का खतरा उत्पन्न हो रहा है। सरकार द्वारा कोर्ट ने पूर्व दिए गए दिशा-निर्देशों का हर सम्भव प्रयास किया जा रहा। चारधाम यात्रा में सभी सुविधाओं को उपलब्ध करा दिया गया है। सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है कि चारधाम यात्रा करने के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या से रोक हटाई जाए या फिर श्रद्धालुओं की संख्या तीन से चार हजार प्रतिदिन किया जाए ताकि दूसरे प्रदेशों से भी लोग दर्शन को आ सकें। कहा कि कोरोना महामारी पर कोविड गाइडलाइन का सख्ती से पालन भी किया जा रहा है। सरकार का पक्ष सुनने के बाद हाईकोर्ट ने रोक हटा दी गई है।पूर्व में कोर्ट ने चारधाम यात्रा करने के लिए प्रत्येक दिन केदारनाथ धाम में 800, बद्रीनाथ धाम में 1000, गंगोत्री में 600, यमनोत्री धाम में कुल 400 श्रद्धालुओ को जाने की अनुमति दी थी।
उन्होने कहा कि उच्च न्यायालय के इस निर्णय से वैश्विक महामारी कोरोना से प्रभावित अनेकों होटल व्यवसायियों, ट्रैवल्स व्यवसायियों एवं स्थानीय लोगों को एक बड़ी राहत मिली है। श्री महाराज ने कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या की बाध्यता समाप्त होने के बाद अब सभी तीर्थयात्री कोविड नियमों का पालन करते हुए चारधाम की यात्रा आसानी से कर सकते हैं।
श्री महाराज ने कहा कि उत्तराखंड चारधाम यात्रा पर आ रहे यात्रियों के लिए सीमित संख्या की बाध्यता तय की गई थी जिसके चलते यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था ऐसे में हमने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर तय सीमित संख्या को बढ़ाने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए सभी के हित में बहुत ही अच्छा फैसला दिया। मैं न्यायालय के इस फैसले का स्वागत करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इसके लिए धन्यवाद देता हूं।