मसूरी में चोर डकैत घूम रहे हैं जो चुनाव के दौरान आपको वोट मांगते नजर आएंगे.
देहरादून , उत्तराखंड में भाजपा सरकार के मंत्री कितने बेलगाम हो चुके हैं इसका जीता जागता उदाहरण मसूरी में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी द्वारा दिए गए विवादित बयान को लेकर स्पष्ट नजर आता है कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी द्वारा रक्षाबंधन समारोह में जिस प्रकार से अपने राजनीतिक प्रतिनिधियों को कीड़े मकोड़ों की संज्ञा दी है साथ ही इन्हें चोर डकैत तक बता दिया गया उन्होंने अपने भाषण में कहा कि मसूरी में चोर डकैत घूम रहे हैं जो चुनाव के दौरान आपको वोट मांगते नजर आएंगे उनके इस बयान को लेकर उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए, यह बात आज प्रसिद्ध समाजसेवी व मसूरी विधान सभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतर रहे पंo मनीष गौनियाल ने एक विडियो जारी करते हुए कही . (विडियो देखें )
पंo गौनियाल ने सभी राजनीतिक पार्टियां पर आपसी सांठगांठ होने का इल्जाम लगते हुए कहा कि इस पर कोई भी पार्टी बयान क्यों नहीं दे रही है ? जिससे प्रतीत होता है कि भाजपा और अन्य दलों के बीच कुछ खेल चल रहा है. उन्होंने कहा मसूरी पुरकुल रोपवे का हम स्वागत करते हैं लेकिन 1 वर्ष बीत जाने पर भी वहां से विस्थापित किए गए लोगों का पुनर्वास क्यों नहीं किया गया है सरकार सबसे पहले उनका पुनर्वास करें उनको छत मुहैया कराए, यदि इस पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो हम उसके लिए आंदोलन करेंगे और शिफन कोर्ट के निवासियों के साथ आमरण अनशन करेंगे.
90 करोड़ की लागत से बनने वाले सैन्य धाम को लेकर भी उन्होंने सरकार से प्रश्न किया कि एक तरफ़ राज्य सरकार आर्थिक तंगी का रोना रो रही है तो ऐसे में 90 करोड़ की लागत से सैन्यधाम बनाने का क्या औचित्य है, साथ ही सरकार द्वारा जब तीसरी लहर के आने की भी संभावना जताई जा रही है इसे देखते हुए तो अस्पतालों का निर्माण किया जाना चाहिए था साथ ही शिक्षा और सड़क पर इन पैसों को व्यय किया जाना चाहिए था लेकिन 90 करोड़ रुपए जो जनता की गाढ़ी कमाई है उसे इस तरीके से बर्बाद किया जाना बेहद शर्मनाक है.
मनीष ने कहा अपनी जायज मांगों को लेकर सड़कों पर उतरने वाले आन्दोलनकारियों पर तो कोरोना एक्ट के तहत मुकदमें लगाये जा रहे हैं वहीं सरकार के मंत्रीयों द्वारा तम्बू लगा कर रक्षाबंधन समारोह, स्वागत समारोह और आशीर्वाद जन-यात्रा तक का आयोजन किया जा रहा है जिसमें हजारों की संख्या में लोग आ रहे हैं जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ रहा है ऐसे में करोनाकाल में हजारों लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है इस पर प्रशासन संज्ञान क्यों नहीं लेता . ऐसे समारोहों को तुरंत निरस्त किया जाना चाहिए. जब शादी ब्याह और अन्य समारोहों में सीमित संख्या में लोगों के आने की बात कही है वहीं राजनीतिक दलों पर इस पर अंकुश लगाया जाना चाहिए.