उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्बारा जूम ऐप माध्यम से वर्चुअल बैठक आहूत क़ी गई जिसमे वर्तमान में कोविड संकटकाल के दौर से गुजर रहें हालातो पर चिन्ता व्यक्त क़ी गई। कोविड सक्रमण के चलते सरकार/प्रशासन और समाजिक संस्थाए आपस में समन्वय बनाकर इस महामारी से लड़े।
इस बैठक में सभी ने एक सुर में मांग क़ी है़ कि कम से कम 15-दिनो का कम्प्लीट लॉक डाऊन लगया जाय ताकि कोरोना सक्रमण को रोका जा सके उसके लिए चेन को तोड़ना ज्रुरुरी है़
अध्यक्ष जगमोहन सिंह ने सभी के विचार जानने के उपरान्त प्रस्ताव पास किया कि सरकार को 15 दिन का पूर्ण लोकडौन, प्राइवेट हॉस्पिटल को सरकार अधिग्रहित कर वहां निशुल्क उपचार करे , कालाबाज़ारी करने वालो पर देशद्रोह का मुकदमा हो, कोविड टेस्ट, कोविड उपचार और कोविड वैक्सीनशन के अलग अलग नोडल अधिकारी बना कर प्राथमिकता दे , दैनिक दिहाड़ी मजदूर और जरूरतमंद लोंगो की सहायता हेतु पुलिस टास्क फोर्स का गठन हो, ऑनलाइन पढ़ाने वाले स्कूल कम से कम फीस ले और जो नही दे सकता उसको स्कूल से ना निकाला जाए, बिजली के बिलों में वृद्धि तत्काल वापस हो उत्तराखंड के सभी संसाद विधायको की पूरी निधि कोविड महामारी में खर्च हो।
वर्चुअल बैठक में मुख्यतः जगमोहन सिंह नेगी,महेन्द्र रावत,दीपक बर्थवाल,प्रदीप कुकरेती,कैलाश ध्यानी,राधा तिवारी,चन्द्रकान्ता बेलवाल,दमयंती देवी,विक्रम भण्डारी,रुकम पोखरियाल,चन्द्रकिरण राणा,बाल-गोविन्द डोभाल, मोहन खत्री,देवेन्द्र रावत व भानु रावत आदि जुड़े।
उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच के जिला अध्यक्ष द्बारा माननीय मुख्यमन्त्री से ईमेल व वाट्सअप के माध्यम से पत्र लिखकर मांग क़ी है़ कि सामान्य रोगियो को लाभ देने हेतु गांधी शताब्दी अस्पताल में शीघ्र सामान्य आपात सेवा व opd सेवा प्रारम्भ क़ी जाय।
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