जरा सोचिये
1.बड़े शहर में रहने वाले 2 से 3 दिन पुराना ब्रेड पर 3 से 6 महीने पुराना जैम लगाकर और दो से तीन दिन पुराना थैली वाला दूध पीकर अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है ?
2. कई महीने पुराना केमिकल युक्त mineral water जिसमें कोई मिनरल्स नहीं है अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?
3. पिंजरे… जिनको अंग्रेजी में flat फ्लैट कहते हैं जिनमें ना ताज़ी हवा नसीब होती है ना धूप ,में बिना सूरज की रोशनी में और बिना ताजी हवा के उसमें रहकर अगर आप सोचतें कि बीमारी आपका पीछा छोड़ देगी तो मैं क्या कहूँ।
4. 85% पानी मिला पैकेटबन्द फ्रूट जूस जिसमे तरह तरह के केमिकल और प्रिजर्वेटिव मिला हुआ है अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?
5. ऐसी अनेक चीजे है जो आपके आस-पास हैंउनको देखिए, समझिए और अपने बच्चो को समझाए की ये चाउमीन/मोमो/स्प्रिंग रोल/बंद-टिक्की/समोसे/पीजा/पास्ता/बेकरी फ़ूड/मयोनीज/चीज़/केलोस्ट्रोल-फ्री बटर /पैकेट में बंद नाइट्रोजन युक्त प्रिजर्वेटिव मिला पाम ऑयल और कई तरह के कोड वर्ड में लिखे हुए इंग्रेडियंट जिनको बिना समझे आप खाकर खुद को शाकाहारी समझ कर, अगर आप immunity की इच्छा रखतें हैं तो सोचिए संभव कैसे है?
6. योग और प्राणायाम और बिना खुली हवा के दिनभर में एसी और सिर्फ एसी में रहने वाले आपके फेफड़े करोना का झटका शायद ही झेल पाएं ।
7. ज्वार, बाजरा, रागी और भी कई सारे धान छोड़ कर सिर्फ और सिर्फ केमिकल युक्त गेंहू के भरोसे आप अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?
8. नन्हे नन्हे बच्चों और दादी और नानी के नुस्खे छोड़ कर आप डब्बा बंद प्रोटीन देकर सोचते है की ये स्ट्रॉन्ग बन रहा है और स्ट्रॉन्ग immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?
9.आप नहाने से लेकर संवारने तक खुद को और बच्चो के भी जाने कितने केमिकल शरीर पर लगा लेते हो और सोचते हो की शरीर के इन पौने तीन करोड़ रोम छिद्रों का कोई महत्व नहीं है अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो सोचिए संभव कैसे है?
11. ताजा फल और उनका रस भारतीय भोजन और तुलसी जी कड़ी पत्ता ताजा नींबू और तरह तरह के घर में बने मुरब्बे और नाश्ते की जगह पैकेट वाला नाश्ता और भोजन खाकर अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?
अतः आप सभी से निवेदन है कि भारतीय संस्कृति की और लौटें। जो पेड़ अपनी जड़ से कट जातें है वह अधिक समय तक जीवित नहीं रह सकते। अगर समझ में आये तो अपने परिचितों को भी इस सच्चाई से अवगत जरूर कराएं।
आपकी इच्छा है कि इन बातों पर अमल ‘करो-ना’-करो। बाकी तेरा “राम” जी करेंगे बेडा पार , उदासी मन काहे को डरे……