राज्यसभा के उप सभापति पीजे कुरियन ने आज कहा कि एयरलाइनों के पास सांसदों सहित किसी भी व्यक्ति के उड़ान भरने पर प्रतिबंध नहीं लगा सकतीं और कानून को अपना काम करना चाहिए। कुरियन ने यह टिप्पणी तब की जब सपा सदस्य नरेश अग्रवाल ने सरकारी स्वामित्व सहित बड़ी घरेलू एयरलाइनों द्वारा हाल ही में उड़ान भरने पर प्रतिबंध लगाए जाने का मुद्दा उठाया। अग्रवाल यह जानना चाहते थे कि क्या एयरलाइनें ऐसे प्रतिबंध लगा सकती हैं। उनके अनुसार, इस तरह की कार्रवाई संसद सदस्यों के अधिकारों का हनन है।
इस पर कुरियन ने सहमति जताते हुए कहा कि अग्रवाल ने ‘‘उपयुक्त विषय’’ उठाया है कि अगर किसी सांसद ने कानून के खिलाफ कोई काम किया है तो कानून को अपना काम करना चाहिए। कुरियन ने कहा कि एयरलाइनों को यह अधिकार नहीं दिया गया है कि वह किसी को सजा दें। ‘‘मेरे विचार से, सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।’’ उप सभापति ने कहा ‘‘सांसद भी नागरिक हैं। अगर वह कोई गलती या अपराध करते हैं तो कानून को इस पर अपना काम करना चाहिए।’’ उन्होंने आगे कहा ‘‘किसी अपराध के लिए सांसद को सजा दिया जाना …..ऐसा नहीं किया जा सकता। एयरलाइनें ऐसा नहीं कर सकतीं।’’
कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने उप सभापति को सुझाव दिया कि ‘अपराध’ शब्द की जगह ‘उल्लंघन’ शब्द का उपयोग किया जाना चाहिए। तब कुरियन ने कहा कि अगर एक व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को पीटता है तो यह अपराध है। विभिन्न एयरलाइनों ने तेदेपा सांसद जे सी दिवाकर रेड्डी पर से तब उड़ान प्रतिबंध कल हटा दिया जब अदालत से सरकार को और उड्डयन नियामक डीजीसीए को घरेलू एयरलाइनों की कार्रवाई के खिलाफ सांसद की अपील पर ‘‘अत्यावश्यक’’ नोटिस मिले। रेड्डी की विशाखापटनम हवाई अड्डे पर 15 जून को इंडिगो एयरलाइन के कर्मचारियों के साथ बहस हो गई थी। उन्हें बताया गया था कि हैदराबाद के लिए उनकी उड़ान की बोर्डिंग बंद हो चुकी है। इस पर नाराज हो कर उन्होंने एयरलाइन के काउंटर पर रखा प्रिंटर कथित तौर पर फेंक दिया था।
रेड्डी से पहले शिवसेना के राज्यसभा सदस्य रविंद्र गायकवाड़ पर घरेलू एयरलाइनें उड़ान पर प्रतिबंध लगा चुकी हैं। उन पर इस साल मार्च में यह प्रतिबंध तब लगाया गया था जब उन्होंने एयर इंडिया के विमान में ‘बिजनेस क्लास सीट’ मुहैया न कराए जाने पर, एयरलाइन के एक अधिकारी की कथित तौर पर चप्पल से पिटाई कर दी थी। यह प्रतिबंध एक पखवाड़े बाद तब हटाया गया था जब गायकवाड़ की ओर से यह हलफनामा दिया गया कि वह भविष्य में इस तरह के आचरण से बचेंगे।