यूपी के गोरखपुर, बरेली, झारखंड के जमशेदपुर और राजस्थान में जुलाई से अगस्त के महीने में नवजातों की मौत ने कितनी मांओं की गोद सुनी कर दी थी, अब एक और चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के सर्वे में सामने आया है कि उत्तराखंड में नवजातों का मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। 9 राज्यों में हुए सर्वे के मुताबिक देवभूमि में नवजातों के दम तोड़ने का सिलसिला तेजी से बढ़ रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एसआरएस ये सर्वे कराता है और इस सर्वे में पाया गया है कि उत्तराखंड में अगर साल भर में 1000 बच्चे जन्म लेते हैं तो 38 की मौत हो जाती है।
इस मामले में ये राज्य 4 प्वाइंट आगे निकल गया है, जबकि बाकी कई राज्य जैसे असम, यूपी और मध्यप्रदेश में इस संख्या में कमी आई है। बिहार, असम, यूपी, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओड़िशा, राजस्थान इन राज्यों में ये सर्वे हुआ है। सभी राज्यों के आंकड़ों को एक साथ देखने के बाद यही खुलासा हुआ है कि उत्तराखंड में सबसे ज्यादा नवजातों की मौत हो रही है। वहीं, मध्यप्रदेश, यूपी और असम में काफी सुधार देखने को मिला है।
एमपी में 50 से आंकड़ा 47 हो गया, यूपी में 46 से 43 और असम में 47 से 44 ओड़िशा में 46 से 44 और असम में भी बहुत नीचे गिर गया है। आईएमआर का आरोप है कि राज्य में डॉक्टरों की कमी है और अस्पतालों में काफी लापरवाही के मामले सामने आते हैं। हरिद्वार और उत्तराखंड के बाकी छोटे जिलों में शिक्षा और स्वास्थ्य के विकास में काम नहीं हो रहा है।