साइबर क्राइम क्या है?

 आज पूरी दुनिया इंटरनेट से जुड़ रही और सारे जरूरी काम भी इंटरनेट पर ही  हो रहा है जैसे ट्रेन टिकट बुक करना ,पैसे के  आदान प्रदान से ले कर  खरीददारी तक अनलाइन चल रही  है आज बच्चों से ले कर  हर  उम्र के लोग मोबाईल और कंप्युटर का इस्तेमाल कर रहे पर उन्हें  यह पता नहीं जिस इंटरनेट पर अपनी लेन-देन इत्यादि कर कर रहे है.वहाँ साइबर क्रिमिनल ताक लगाए बैठे है और कब आप उन साइबर क्रिमिनल्स के शिकार  बन जाए और आपके बैंक खाते से सारे पैसे गायब हो जाए कुछ भी कहना मुश्किल है. इसलिए इंटरनेट का इस्तेमाल करते वक्त हमें हर वक्त होशियार रहने की जरुरत है .

साइबर क्राइम क्या है?

इंटरनेट या किसी नेटवर्क और कंप्यूटर के माध्यम से होने वाले अपराध, साइबर क्राइम या साइबर अपराध की श्रेणी में आते है| कुछ उदहारण है, ऑनलाइन धोखाधड़ी, डेटा (data) की चोरी, साइबर बुलइंग (Cyber Bullying), हैकिंग (hacking), वायरस हमले, क्रेडिट कार्ड फ्रॉड, पोर्नोग्राफी, आदि| जिस गति से हमारा समाज तरक्की की और बढ़ रहा है, उसी गति से इसमें अपराध भी बढ़ रहे है| इसी तरक्की का सबसे बढ़ा उदहारण है इंटरनेट (Internet), जिसके द्वारा मनुष्य घर बैठे विश्व के किसी भी कोने तक पहुंच सकता है| वहीँ इसी विकास ने इंटरनेट पर हमारी निर्भरता को बढाकर हमे इसका गुलाम बना दिया है| इस इंटरनेट ने कई सुविधाओं के साथ-साथ कई प्रकार के अपराधों को भी बढ़ने का मौका दिया है|कोई भी घटना जो किसी मोबाईल ,कंप्युटर लैपटॉप या किसी भी तरह के एलेक्टोनिक डिवाइस से हो उसे साइबर क्राइम कहते है.आपके साथ online फ्रॉड होना ,आपके बैंक से पैसे गायब होना आपके एटीएम से बिना आपकी अनुमति के खरीदारी होना एटीआड़ी साइबर क्राइम के अंदर आता है.जो भी लोग इसस तरह के घटना को अंजाम देते है उन्हे साइबर क्रिमिनल्स बोला जाता है.

साइबर अपराध के प्रकार

Hacking
Theft
Cyber Stalking
Identity Theft
Malicious Software
Child Pornography
DDoS Attacks
Botnets
Social Engineering
Online Scams

साइबर क्राइम की Categories क्या हैं?

Cyber Crime against individual
Cyber Crime against Property
Cyber Crime against Government

बचाव कैसे करें

1. अपनी पर्सनल जानकारी (Information) का ख्याल

आज इंटरनेट के माध्यम से हम कोई भी काम घर बैठे बैठे कर सकते है जैसे की शॉपिंग, बिल का भुगतान, पढ़ाई, ऑनलाइन जॉब, गेम खेलना, डेटिंग, सोशल नेटवर्किंग (Social Networking), आदि| आजकल इंटरनेट पर किसी भी काम के लिए हमे अपनी सारा विवरण भरना पढ़ता है| यह सारा विवरण हमारे कंप्यूटर में भी सुरक्षित हो जाता है| इसके बाद आप जब भी किसी अनजान साइट पर जाते है तो यह सभी जानकारी स्वचालित रूप से भर जाती है| ऐसे में बेहद ज़रूरी है की किसी भी प्रकार की जानकारी ऑनलाइन सहेज (save) करके नहीं रखे| हर बार जहाँ ज़रूरी हो वहीँ अपनी जानकारी को भरे|

इसके अलावा सोशल मीडिया (Social Media) पर भी अपनी जानकारी को संभल कर रखे, जितना ज़रूरी हो उतनी ही जानकारी शेयर (share) करे और अनजान लोगों के लिए यह जानकारी बंद रखे|

2. अपने सभी पासवर्ड को नियमित बदले

अपने सभी ऑनलाइन एकाउंट्स जैसे नेट बैंकिंग (Internet Banking), पेटीएम (Paytm), फोनपे, सभी ऑनलाइन शॉपिंग के एकाउंट्स,आदि के पासवर्ड्स (passwords) को नियमित रूप से बदलते रहे| इन पासवर्ड को थोड़ा मुश्किल और असामन्य रखे और कभी भी खुद के या अपने परिवार के लोगों के नाम पर इन् को नहीं रखे| सभी अलग-अलग जगह के लिए अलग-अलग पासवर्ड्स रखे|

इसके अलावा एक बात जो बेहद ज़रूरी है की कभी भी किसी अन्य कंप्यूटर पर काम करते समय अपना पासवर्ड को सेव नहीं करे| साथ अपने सभी पासवर्ड्स को कभी अपने मोबाइल या किसी ईमेल और मैसेज में सेव नहीं करे| हमेशा इन्हे किसी डायरी में लिख कर सुरक्षित स्थान पर रखे|

3. अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधि (Online Activities) पर नज़र

बच्चों के बढ़ते इंटरनेट के इस्तेमाल की वजह से वह भी इस खतरों के शिकार होने लगे है| अपने बच्चों को उम्र के अनुसार ही इंटरनेट का इस्तेमाल करने दे और सब कुछ अपनी निगरानी में रखे| आपके बच्चे अगर बातें समझने की उम्र में है तो उन्हें इस साइबर क्राइम के बारे में पूरी जानकारी दे और इसके खतरों से अवगत कराएं| खासतौर पर किशोरअवस्था में बच्चों का साइबर क्राइम के झांसे में फसना बहुत आसान है, और उनकी हर गतिविधि पर नज़र रखना बेहद मुश्किल| ऐसे में आपकी ज़िम्मेदारी है की अपने बच्चों के साथ दोस्ती का रिश्ता रखते हुए उनकी हर बात में शामिल रहे|

4. संदिग्ध लिंक्स से रहे दूर

साइबर अपराध के मकसद से कुछ इस तरह के ईमेल भेजी जाती है जिन पर क्लिक करने से कई तरह के वायरस आपके कंप्यूटर में आ जाते है| वायरस की पसंदीदा एंट्री (Entry) होती है आपका ईमेल। सुनिश्चित करें कि आपने स्पैम फ़िल्टर (spam filters) को चालू किया हुआ है और आपने एंटी-स्पैम (Anti-Spam) या वायरस एक्सटेंशन (Extension) जोड़े (Added) हैं, जो नियमित रूप से आपके ईमेल को कुछ खतरों के लिए स्कैन करता है।

इसके बावजूद भी कुछ ईमेल आपके इनबॉक्स (Inbox) में प्रवेश कर सकते है| इसीलिए ईमेल लिंक पर क्लिक करने से बचें, खासकर अगर ईमेल भेजने वाला आपके लिए अपरिचित है। आमतौर पर यह इमेल्स बैंकों, बीमा कंपनियों, प्रोमो, गेम्स (Games), लॉटरी (Lottery) आदि के रूप में आते हैं।

5. फ़र्ज़ी फ़ोन कॉल से रहे सावधान

इमेल्स के बाद फ़ोन कॉल की मदद से भी साइबर अपराध किया जाता है| इसमें कई लोग खुद को बैंक का कर्मचारी बता कर फ़र्ज़ी फ़ोन करके आपसे जानकारी हासिल करने की कोशिश करी जाती है| यह जानकारी आपके क्रेडिट कार्ड और बैंक के अकाउंट से जुडी होती है, जिसके मिलते ही आपके अकाउंट से पैसे गायब हो जाते है| इसीलिए ज़रूरी है की इस तरह के किसी फ़ोन कॉल पर भरोसा नहीं करे और अपना पासवर्ड या OTP किसी को नहीं बताये| बैंक कभी अपने ग्राहकों को इस तरह को फ़ोन नहीं करती है|

6. अपने कंप्यूटर/मोबाइल को अपडेटेड (updated) रखे

आप अपने कंप्यूटर या मोबाइल में जो भी सॉफ्टवेयर या ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) इस्तेमाल करते हो, हमेशा उन्हें अपडेटेड रखना बहुत ज़रूरी है| सभी कंपनी हर अपडेट के साथ उस उत्पाद को और भी सुरक्षित और बेहतर बनती है इसीलिए यह अपडेटस आपके कंप्यूटर की सुरक्षित रखने में बहुत मदद करेंगे|

7 . अपने घर के इंटरनेट (Wi -Fi) नेटवर्क को सुरक्षित (Secure) रखे

अक्सर देखा जाता है लोग अपने घर के इंटरनेट को लेकर उतना सुरक्षित नहीं रहते| ऐसे में आस-पास के भी कई लोग इसका आराम से इस्तेमाल कर लेते है| इसके अलावा इतने असुरक्षित इंटरनेट पर किसी भी तरह का अपराध करना बेहद आसान हो जाता है| हमेशा अपने घर के नेटवर्क का पासवर्ड बहुत सावधानी से चुने और केवल भरोसेमंद लोगों को ही इस पासवर्ड को बताये| साथ ही इस पासवर्ड को जल्दी जल्दी बदलते रहे| इसके अलावा किसी भी अंजान जगह का इंटरनेट कभी इस्तेमाल नहीं करे, क्यूंकि वहां सुरक्षा की कोई ज़िम्मेदारी नहीं होती है|

8. अच्छे एंटी-वायरस का इस्तेमाल करे

अपने कंप्यूटर को सुरक्षित रखने का यह सबसे महत्वपूर्ण कदम है। ज़्यादातर लोग अपने पर्सनल कंप्यूटर (PC) पर एंटी-वायरस नहीं रखते, जो सबसे गलत आदत है| क्यूंकि आज के समय में हम 24×7 इंटरनेट पर व्यस्त रहते है, इसलिए बिना एंटी-वायरस के अपने सिस्टम को सुरक्षित नहीं रखा जा सकता। इसके लिए आप ऑनलाइन उपलब्ध अनेकों एंटी वायरस में से अपनी ज़रूरत के हिसाब से एक को चुन सकते है| इन्हें इस्तेमाल करना बेहद आसान है और यह ज्यादातर वायरस से आपके कंप्यूटर को बचा सकते है|

9. अपने डेटा (Data) का नियमित बैकउप (Backup) ले

अगर आप नियमित रूप से अपने कंप्यूटर के डेटा का बैकअप नहीं लेते हैं, तो आप अपने कंप्यूटर को जोखिम में डाल रहे हैं। सुनिश्चित करें कि आप अपने सारे डेटा को किसी बाहरी स्टोरेज (External Storage) या ऑनलाइन क्लाउड (Online Cloud) स्टोरेज जैसे ड्रॉपबॉक्स (Dropbox) और गूगल ड्राइव (Google Drive) में बैकअप करके रखे। साइबर हमले के समय यदि आपके कंप्यूटर में कुछ नुकसान होता है तो ऐसी स्थिति में यह बैकअप बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा|

10. साइबर क्राइम होने के बाद

साइबर क्राइम में बेहद ज़रूरी यह जानना की अगर कोई अपराध हो जाए और आप इसका शिकार हो जाए, तो तुरंत किन बातों का पालन किया जाए|

  • क्रेडिट कार्ड या बैंक के अपराध में सबसे पहले अपना कार्ड ब्लॉक करवाए और अपने अकाउंट की राशि को किसी और सुरक्षित जगह ट्रांसफर कर दे| साथ ही अपने बैंक का ऑनलाइन पासवर्ड बदले और अपने बैंक से संपर्क करके पुरे मामले को दर्ज़ कराये|
  • चाहे अपराध कितना भी छोटा क्यों ना हो, साइबर क्राइम सेल पर उसकी शिकायत ज़रूर दर्ज़ करवाए|
  • अपने सभी घर वालों को साइबर अपराध से अवगत कराएं और बचने के उपाय भी बताये|
  • जिस भी तरह का अपराध हो, उसका साबुत जरूर अपने पास रखे| यह आपके आगे की करवाई में मददगार साबित होगा|

साइबर क्राइम में बचाव ही सुरक्षा है, क्यूंकि एक बार यह क्राइम हो गया तो इसे पकड़ना बहुत ही मुश्किल है|