देहरादून, हरिद्वार जेल में कुख्यात के मोबाइल इस्तेमाल मामले में एसओजी की कुख्यातों की निगरानी में लापरवाही सामने आई है। डीजीपी ने जिले की एसओजी टीम को हटाने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही स्थानीय पुलिस की जांच कर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश डीआईजी रेंज को दिए गए हैं। वहीं, दिल्ली के कारोबारी से रंगदारी के रूप में सोने की चेन मांगने वाले गैंगस्टर इंतजार उर्फ भूरा को टिहरी जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है। जबकि उसके साथी नावेद की बैरक भी बदल दी गई है।
एसटीएफ ने हरिद्वार जेल में चल रहे कुख्यात भूरा के नेटवर्क का भंडाफोड़ रविवार किया था। जेल से उसके दो मोबाइल और दो सिम बरामद हुए थे। भूरा ने इन मोबाइल से एक बंदी की पत्नी से फिरौती में सोने की चेन मांगी थी। इस मामले में एसटीएफ ने दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया था। सोमवार को इस मामले में डीजीपी ने कड़े आदेश जारी किए हैं। डीजीपी ने बताया कि इस पूरे मामले में एसओजी की लापरवाही सामने आई है। क्योंकि, एसओजी को ही ऐसे कुख्यातों की गतिविधियों और उनके मोबाइल नेटवर्क की टोह लेने की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में पूरी टीम को हटाकर दूरस्थ जनपदों में ट्रांसफर किया जाएगा। इस संबंध में डीआईजी रेंज को निर्देशित किया जा चुका है। इसके साथ ही आईजी जेल से भी कहा गया है कि वह जेल अधिकारियों की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इसके बाद जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों का भी दूरस्थ जेलों में स्थानांतरित करें। दिल्ली के कारोबारी से रंगदारी के रूप में सोने की चेन मांगने वाले गैंगस्टर इंतजार उर्फ भूरा को टिहरी जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है। जबकि उसके साथी नावेद की बैरक भी बदल दी गई है। इसके साथ ही सोमवार को जेल अधीक्षक शिव मूरत सिंह ने जेल की बैरकों में तलाशी के लिए अभियान चलाया। वह खुद हर बैरक में पहुंचे और बंदियों का सामान हटवाकर जांच कराई।