ऋषिकेश। तीर्थनगरी ऋषिकेश से अटल जी की यादें हमेशा जुड़ी रहेंगी। वाजपेयी के मन में तीर्थनगरी ऋषिकेश इस कदर बसा था कि वे बार-बार यहां आया करते थे। बता दें कि ऋषिकेश में कभी अटल बिहारी वाजपेयी गंगा घाट पर टहलते थे, तो कभी गंगा स्नान करते नजर आते थे। कभी पार्क में बैठकर छोले-पूरी खाते थे, तो कभी अपने बालसखा भैरंट बाबा से मिलने पहुंच जाते थे। वाजपेयी कभी ऋषिकेश में अपने मित्रों के घर अचानक खाना खाने भी पहुंच जाया करते थे। उनका जलवा ही कुछ ऐसा था कि आज भी हर कोई उनसे खुद को जुड़ा हुआ महसूस करता है। ऋषिकेश में एक साधारण से व्यापारी यशपाल अग्रवाल का कहना है कि उनके परम मित्रों में वे से एक थे। वाजपेयी उनके घर अक्सर खाना खाने आया करते थे। बता दें कि प्रधानमंत्री बनते ही अटल ने जहां प्रदेश की जनता को लाल किले से उत्तराखंड राज्य की सौगात दी। वहीं प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने उत्तरखंड और ऋषिकेश की महत्ता को देखते हुए एम्स जैसा राष्ट्रीय स्तर का संस्थान की सौगात भी ऋषिकेश को दी। प्रधानमंत्री बनने से पहले भी अटल 90 के दशक में दो चिकित्सालयों के उद्घाटन करने ऋषिकेश आए थे। विराट व्यक्तित्व होने के बावजूद उनकी सादगी को आज तक कोई भूल नहीं पाया है। फिर चाहे गंगा पार कराने वाला नाविक हो या जिस रेस्टोरेंट में खाना खाया हो, उसका कर्मचारी हो, अटल के दिल में जिस तरह से ऋषिकेश बसा हुआ था, उसी तरह ऋषिकेश के दिल में भी वे बसे थे और हमेशा बसे रहेंगे।