पौड़ी गढ़वाल: गडोली-खंडाह रोड़ पर रावतगांव-बेलगांव के बीच बाइक सवार रावतगांव निवासी दीपक चन्दोला और कोलाकंडी निवासी पोलू पर बाघ ने हमला बोल दिया, जिसमें कोलाकंडी निवासी पोलू पर चलती मोटर साइकिल में बाघ ने पंजा मारकर बुरी तरह जख्मी कर दिया है, मोटर साइकिल का संतुलन बिगड़ता तो दोनों बाघ व उसके बच्चों का निवाला बन चुके होते, मगर दीपक ने समझदारी बहादुरी दिखाकर न सिर्फ अपनी जान बचाई बल्कि पोलू की जान बचाने में भी सफल रहे!
15 दिन पहले भी गाडोली के पास चलती स्कूटी पर हमला बोलकर इसी बाघ ने पंजा मारकर एक नौजवान को बुरी तरह घायल कर दिया था, इसके अलावा और न जाने कितने लोग बाघ के हमले के शिकार हुए होंगे कौन जाने? सड़क के ऊपर नीचे कंटीली झाड़ियाँ होने के कारण कुछ पता भी नहीं चल पाता है!
तंत्र से बाघ को पकड़ने की गुजारिश नहीं करूँगा जानता हूँ बाघ से बड़ा आतंक तो तंत्र हो चुका है जो हमारे हिस्से का विकास दीमक की तरह चाट जाता है वर्ना ऐसा हो सकता था क्या कि जिला मुख्यालय के 5 किलोमीटर के दायरे में बसा हमारा रावतगांव आज भी एक अदद सड़क, डिस्पेंसरी, यातायात, सुरक्षा, पथप्रकाश, पानी से वंचित रहता?
लाठी-डंडे, पानी की बौछार, बाघ, भालू, शुंगर, सांप के हमले, बेरोजगारी सब हमारे लिए और उनके लिए शराब कारखाने, रेतबजरी, लक्जरी होटल, आलिशान बँगले, आलीशान गाड़ियाँ, मोटा कमीशन, सुरक्षा गार्ड और न जाने क्या क्या! यही मिला हमें 21 सालों में!
हम उत्तराखंडियों को हमारी जागरूकता की कमी, हमारे जाति, धर्म, क्षेत्र आदि खेमों में बंटे होने के कारण आज नालायक व भ्रष्ट तंत्र हमारे विनाश का कारण बन गया है! अंधराष्ट्रवाद, अन्धविश्वास की बेड़ियों से बाहर निकलिए और बेमान भ्रष्ट मक्कार सत्ता व तंत्र का चरित्र समझिये! हिंदु मुस्लमान, चीन पाकिस्तान, धर्मांतरण, लवजिहाद, सेना, मंदिर ये उनके टूल हैं जिनका स्तमाल करके वे आपको गुमराह करते हैं, और वे आड़ में सार्वजनिक शिक्षा, चिकित्सा, सड़क, बिजली, पानी, दूरभाष, यातायात, तकनिकी शिक्षण संस्थान, वित्तीय संस्थान, कलकारखाने, खेती आदि को कमजोर कर कॉर्पोरेट के हाथों बेच रहे हैं! आप जानलें ये एक दूसरे के लिए हमें बरबाद करके अकूत संपतियां जोड़ रहे हैं, आपको इस बरबादी से कोई और नहीं बचाएगा आपको स्वयं ही अपने लिए आवाज़ उठानी होगी कोई शक्तिमान न पहले कभी आया और न आएगा, आपको खुद खड़ा होना है अपनी बरबादी को रोकने के लिए,अपने हिस्से के जल,जंगल ज़मीन व अपने विकास के हक़ को हासिल करने के लिए!
साभार : भार्गव चन्दोला
रावतगांव, पौड़ी गढ़वाल
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