लोकतंत्रिय  प्रणाली की सबसे बड़ी खूबी यह है कि वह आपको अपनी इच्छा से सरकारें चुनने का मौका देती हैं . अब ये आप के ऊपर निर्भर है कि आप अपने लिए किस तरह की व्यवस्था चुनते हैं. राष्ट्रीय दलों से इतर अब एक और विकल्प न्याय धर्मसभा के रूप में आपके सामने है.. बाकी समझ आपकी ..फैसला आपका…

देहरादून, उत्तराँचल प्रेस क्लब में न्याय धर्मसभा राजनीतिक पार्टी द्वारा उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए 111 न्याय प्रस्तावों के प्रतिपादक व संस्थापक अरविंद अंकुर द्वारा न्यायशील चुनावी घोषणापत्र का विमोचन किया गया।
अंकुर ने कहा न्यायधर्मसभा का मुख्य उद्देश्य जनता को आर्थिक न्याय,सांस्कारिक न्याय,व्यावहारिक न्याय,आध्यात्मिक न्याय एवं राजनैतिक न्याय प्रदान करना है । सत्ता में आते ही न्याय धर्मसभा द्वारा सर्वप्रथम न्याय प्रस्ताव नंबर 53 महालोकतंत्र लागू करने का प्रयास किया जायेगा। इसके लागू होते ही जनता को शासन संबंधी मामलों में 12 मताधिकार एवं प्रशासन सम्बन्धी मामलो में 12 विशेषाधिकार प्राप्त हो जायेंगे। न्याय धर्मसभा के न्यायप्रस्ताव क्रमांक 15 के अंतर्गत जनता को शिक्षा, रोजगार, आवास,चिकित्सा आदि संरक्षण प्राप्ति के चारों जनाधिकार प्राप्त हो जायेंगे। बच्चों को निःशुल्क शिक्षा, प्रतिपरिवार जीविका (रोजगार), प्रत्येक ग्रामपंचायत को बिजली, पानी, सड़क, इंटरनेट आदि की सुविधाएं तथा प्रत्येक संवर्ग संरक्षण प्रदान करना ही मुख्य उद्धेश्य है। चुनावी घोषणापत्र के मुख्य बिंदुओं में जनता द्वारा नेता,मंत्री,,जज को मतदान द्वारा नियुक्त व बर्खास्त करने की महालोकतांत्रिक व्यवस्था की जाएगी। जनता द्वारा नियम,नीति,निर्णय को मतदान द्वारा पारित व खारिज करने की महालोकतांत्रिक व्यवस्था होगी। जनहित के विरुद्ध होने पर किसी भी राज्यकर्मी के निलंबन हेतु जनता को वीटो पावर। होगी बच्चों को 25 वर्ष की आयु तक निःशुल्क सम्पूर्ण शिक्षण प्रशिक्षण दिया जाएगा। किसानों को निःशुल्क 5 एकड़ तक कृषिभूमि एवं जुताई, सिचाई की निःशुल्क सेवा। प्रतिपरिवार एक रोजगार की एक अनिवार्य नीति द्वारा आर्थिक न्याय की प्रतिष्ठा। प्रत्येक घर को एक सर्वउपयोगी सीमा तक बिजली,पानी,इंटरनेट,आदि निःशुल्क। ऑनलाइन चुनाव पद्धति द्वारा हजारों करोङो रुपये की बचत। डिजिटल करेंसी सिस्टम लागू होने पर भृष्टाचार,आतंकवाद, नकली मुद्रा,टैक्सचोरी आदि की समाप्ति। ऑनलाइन डिजिटल पद्धति द्वारा जनगणना की सरलता,शुद्धता व पारदर्शिता। सरकारी कर्मचारियों को सभी पदों पर राजकोष द्वारा औषत मध्यम स्तरीय सीमा के भीतर समान वेतन। त्रिकोणीयता द्वारा श्रमिक वर्ग के स्वामित्व की प्रतिष्ठा एवं नौकरी, गुलामी, दासता से मुक्ति दी जाएगी।

चुनावी घोषणापत्र के मुख्यविन्दु इस प्रकार हैं ।

(1) जनता द्वारा नेता ,मंत्री,जज को मतदान द्वारा नियुक्त/बर्खास्त करने की महालोकतांत्रिक व्यवस्था

(2) जनता द्वारा नियम,नीति,निर्णय को मतदान द्वारा पारित/खारिज करने की महालोकतांत्रिक व्यवस्था

(3) जनहित के विरुद्ध होने पर किसी भी राज्यकर्मी के निलंबन हेतु जनता को वीटो पावर।

(4) बच्चों को 25 वर्ष की आयु तक निःशुल्क सम्पूर्ण शिक्षण प्रशिक्षण ।

(5) किसानों को निःशुल्क 5 एकड़ तक कृषि भूमि एवं जुताई, सिचाई की निःशुल्क सेवा ।

(6) प्रति परिवार एक रोजगार की एक अनिवार्य नीति द्वारा आर्थिक न्याय की प्रतिष्ठा ।

(7) प्रत्येक घर को एक सर्व-उपयोगी सीमा तक बिजली,पानी,इंटरनेट,आदि निःशुल्क ।

(8) ऑनलाइन चुनाव पद्धति द्वारा हजारों करोङो रुपये की बचत ।

(9) डिजिटल करेंसी सिस्टम लागू होने पर भृष्टाचार,आतंकवाद, नकली मुद्रा,टैक्सचोरी आदि की समाप्ति ।

(10) ऑनलाइन डिजिटल पद्धति द्वारा जनगणना की सरलता,शुद्धता व पारदर्शिता ।

(11) सरकारी कर्मचारियों को सभी पदों पर राजकोष द्वारा औषत मध्यम स्तरीय सीमा के भीतर समान वेतन ।

(12) त्रिकोणीयता द्वारा श्रमिकवर्ग के स्वामित्व की प्रतिष्ठा एवं नौकरी, गुलामी,दासता से मुक्ति ।

 

इस अवसर पर मुख्य रूप से नरेंद्र रावत (प्रदेश प्रभारी उत्तराखंड), सुशील राणा (मीडिया प्रभारी उत्तराखंड), प्रीति डिमरी( स्टेट एडमिन उत्तराखंड), संदेश शर्मा (राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष), संजय श्रीवास्तव, (राष्ट्रीय सचिव), चंद्रसेन शर्मा, (राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी), शीला राय (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष), सतीश तिवारी, लाल बहादुर यादव, रूपेश कुमार, विजय भट्ट, संतोष, संजय श्रीवास्तव, माधुरी गुप्ता, बिहारीलाल स्वामी, कविता भट्ट, ईश्वरदत्त भट्ट, सतीश भट्ट, सुषमा भट्ट, रविंद्र कुमार, विनय, श्यामबीर, रणधीर, सत्यम गुप्ता आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

कहीं आप भी अनजाने में अपने राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगे ) का अपमान तो नहीं कर रहे

 

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