मंदाकिनी को बोल्ड सीन से मिला स्टारडम लेकिन फ्लॉप हो गए राजीव कपूर, पिता से जिंदगी भर रही कड़वाहट

हिंदी सिनेमा में ‘शोमैन’ के नाम से मशहूर राज कपूर के सबसे छोटे बेटे अभिनेता राजीव कपूर उर्फ चिंपू का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। रणधीर कपूर ने भाई की मौत की पुष्टि करते हुए कहा, ‘मैंने अपने छोटे भाई को खो दिया है। राजीव का निधन हो गया है। डॉक्टरों ने अपनी ओर से हर संभव कोशिश की है, लेकिन वह उन्हें बचा नहीं सके।’ राजीव ने फिल्मों में रहकर इतना नाम नहीं कमाया है जितना उन्होंने विवादों में रहकर अपनी पहचान बनाई।

अपने पूरे अभिनय करियर में उन्होंने कोई 10 से 12 फिल्मों में ही काम किया है लेकिन उनकी सिर्फ एक फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ ही सुपरहिट हो पाई। हालांकि, इसका भी श्रेय राजीव कपूर नहीं बल्कि इस फिल्म की मुख्य अभिनेत्री मंदाकिनी ले उड़ीं। इस वजह से राजीव का मनोबल भी टूटा और उनमें चिड़चिड़ापन भी बढ़ गया।

लगातार फ्लॉप होती फिल्मों के बाद जब राजीव को उनके पिता राज कपूर ने अपनी फिल्म में लेने की बात कही तो वह फूले नहीं समाए। दरअसल राज कपूर ने राजीव को ‘राम तेरी गंगा मैली’ में मुख्य भूमिका निभाने के लिए कहा था। राजीव ने हंसी खुशी पूरी फिल्म की। फिल्म रिलीज हुई और फिल्म सुपरहिट भी रही। लेकिन, इसका फायदा राजीव को कतई नहीं मिल पाया। दरअसल, फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री मंदाकिनी ने सारी सुर्खियां बटोर लीं।

राजीव की ये पहली फिल्म सुपरहिट रही, इस बात की उन्हें खुशी जरूर थी। लेकिन, उस फिल्म का फायदा उन्हें बिल्कुल नहीं मिल पाया, इस बात से उनके अंदर नाराजगी पैदा हो गई। वह अपने पिता से लगे रहते थे कि उस फ़िल्म का फायदा उन्हें बिल्कुल नहीं मिला है इसलिए उन्हें अपनी किसी दूसरी फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने का मौका दें। हालांकि, राज कपूर उनकी इस बात पर कभी ध्यान नहीं दिया।

इस चक्कर में राजीव के अंदर अपने पिता के प्रति मनमुटाव पैदा हो गया और दोनों के बीच में दूरियां भी बन गई थीं। इसके बाद राज कपूर ने अपनी किसी भी फिल्म में राजीव को नहीं लिया। आज भी एक्टर राजीव कपूर को उनकी फिल्म राम तेरी गंगा मैली हो गई के लिए जाना जाता है। इसके बाद एक्टर के तौर पर वे कुछ फिल्मों में नजर आए मगर उनका करियर नहींं चला।

फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ की सक्सेस का श्रेय मंदाकिनी को मिला और राजीव कहीं पीछे छूट गए. फिल्म मंदाकिनी के इर्द-गिर्द सिमट गई जिसके कारण राजीव फिल्म के डायरेक्टर और पिता राज कपूर से नाराज हो गए
बॉलीवुड अभिनेता राजीव कपूर का 58 साल की उम्र में कार्डियक अरेस्ट के चलते निधन हो गया है. राजीव का फ़िल्मी करियर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाया था. उन्होंने 1983 में फिल्म ‘एक जान हैं हम’ से फ़िल्मी दुनिया में कदम रखा था. फिल्म फ्लॉप साबित हुई थी जिससे राजीव काफी दुखी हो गए थे. इसके बाद उनके पिता राज कपूर ने उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में री-लॉन्च करते हुए ‘राम तेरी गंगा मैली’ बनाई थी जो कि 1985 में रिलीज हुई थी.

राजीव को उम्मीद थी कि इस फिल्म से उनका फ़िल्मी करियर चमक जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. फिल्म से सबसे ज्यादा फायदा राजीव के अपोजिट कास्ट की गई हीरोइन मंदाकिनी को हुआ. फिल्म की सक्सेस का श्रेय झरने के नीचे नहाती और बच्चे को दूध पिलाती मंदाकिनी को मिला और राजीव कहीं पीछे छूट गए. फिल्म मंदाकिनी के इर्द-गिर्द सिमट गई जिसके कारण राजीव फिल्म के डायरेक्टर और पिता राज कपूर से नाराज हो गए. दोनों के बीच फिल्म के बाद काफी कहासुनी भी हुई और इनके रिश्ते में हमेशा के लिए दरार आ गई. इस फिल्म के बाद राज कपूर ने राजीव को लेकर दोबारा कोई फिल्म नहीं बनाई जबकि राजीव चाहते थे कि पिता सिर्फ उन्हें केंद्रित कर एक फिल्म और बनाये लेकिन राज कपूर ने कभी इसके लिए कान नहीं दिया।

वहीं राजीव ने अंगारे, हम तो चले परदेस, लवर ब्वॉय जैसी फिल्मों में अभिनय किया लेकिन सक्सेस नहीं पा पाए. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राजीव ने अपने फ़िल्मी करियर में मिली नाकामी का सारा ठीकरा अपने पिता पर फोड़ दिया. वो उनसे इस कदर नाराज़ हो गए कि जब राज कपूर का निधन हुआ तो भी राजीव ने उनके अंतिम संस्कार में पहुंचने की ज़हमत नहीं उठाई.

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