जोशीमठ, चमोली पहुंचे केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने सोमवार को आपदा प्रभावित क्षेत्र तपोवन का दौरा कर स्थानीय लोगों से आपदा के बारे में जारकारी ली। उन्होंने एनटीपीसी के अधिकारियों से परियोजना के बारे में जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि तपोवन और ऋषि गंगा परियोजनाओं को लगभग 15 सौ करोड़ की क्षति हुई है। वर्ष 2023 तक 520 मेगावाट की तपोवन-विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना का कार्य पूर्ण होना था। लेकिन परियोजना बैराज, टनल में मलबा पसरा है। इसे हटाने में समय लगेगा। इसके बाद परियोजना निर्माण कार्य दोबारा चालू किया जाएगा। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह ने आपदा को लेकर उत्तराखंड के सभी सांसदों के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने आपदा के बाद राहत बचाव कार्यों और भविष्य के लिए क्या किया जाए इसे लेकर चर्चा की।
इसरो वैज्ञानिकों ने कहा-आपदा ग्लेशियर टूटने से नहीं बल्कि भारी मात्रा में बर्फ पिघलने से आई
चमोली जिले के रैणी गांव में आई आपदा को लेकर इसरो के वैज्ञानिकों ने अहम जानकारी दी है। अभी तक माना जा रहा था कि ग्लेशियर टूटने से आपदा आई है। लेकिन अब सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों से वैज्ञानिकों ने आपदा की असली वजह साफ की है। बताया कि क्षेत्र में ग्लेशियर नहीं टूटा बल्कि भारी मात्रा में बर्फ पिघलने से आपदा आई है। आज हुई बैठक में इसरो के वैज्ञानिकों ने सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों से साफ किया कि यह आपदा ग्लेशियर टूटने से नहीं आई। तापमान बढ़ने से बर्फ पिघली और यह हादसा हो गया। तस्वीरों के माध्यम से प्रारंभिक रूप से ये ही जानकारी सामने आई है। अभी अध्ययन किया जा रहा है जिससे ज्यादा जानकारी सामने आ सके..

 

आखिर क्यों आती हैं ये आपदाएँ जानने के लिए पढ़ें 2013 में लिखा डॉ0 सुनील कैंथोला का यह लेख जो उनके ब्लॉग में आज भी मौजूद है ।??/em>?�

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