प्रशासन पर उठे सवाल
कोटद्वार, कांग्रेस शासनकाल में कोटद्वार विधानसभा के भाबर क्षेत्र में राजकीय कन्या इंटर कॉलेज कलालघाटी में लगभग एक करोड़ नौ लाख की लागत से स्कूल के आठ कमरे स्वीकृत हुए थे। जिसका निर्माण कार्य वर्ष 2016 में शुरू हो गया था। वहीं राजकीय इंटर कॉलेज कण्वघाटी में लगभग ढाई करोड़ रुपए की लागत से स्कूल में 23 कमरों का भवन निर्माण का कार्य भी वर्ष 2016 में शुरू हुआ था, लेकिन 5 साल बीत जाने के बाद भी स्कूल का भवन का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है। वहीं स्कूल के भवनों की हालत यह हो गई है कि वह बनते-बनते ही टूटने की कगार पर पहुंच गया है।
वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव में कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र से विधायक के रूप में डा. हरक सिंह रावत को जनता का बहुमत मिला। अब विधायक जी के कार्यकाल को भी 4 साल बीत गए हैं और अब पांचवें साल में सरकार भी चुनाव के दौर से गुजरेगी। अगर कोटद्वार विधानसभा में विकास कार्यों की बात करें तो इन स्कूलों से अंदाजा लगा सकते हैं। वहीं, स्कूल की प्रधानाचार्य पुष्पा धस्माना ने बताया कि वर्ष 2016 के नवंबर माह में उनकी कन्या इंटर कॉलेज कलालघाटी में नियुक्ति हुई थी। लेकिन उनके वहां आने से पहले बिल्डिंग का कार्य शुरू हुआ था। तब इस बिल्डिंग पर छत पड़ी थी, लेकिन तब से लेकर अब तक 5 साल बीत गए हैं। इस बिल्डिंग का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ। हर साल के मार्च माह में थोड़ा सा काम इस बिल्डिंग पर हो जाता है। आज भी बिल्डिंग पर खिड़की, दरवाजे, रंगाई नहीं हुई है। अभी तो करोना काल चल रहा है और स्कूलों की छुट्टी थी। सिर्फ दसवीं और बारहवीं के बच्चे ही स्कूल में पढ़ाई के लिए आ रहे हैं। लेकिन अब स्कूल खुलने जा रहे हैं, तो बच्चों को कहां बैठाएंगे, यह चिंता सताने लगी है। वहीं, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि मैंने अपने शासनकाल में राजकीय कन्या इंटर कॉलेज कलालघाटी, राजकीय इंटर कॉलेज कण्वघाटी में करोड़ों रुपए की लागत से स्कूलों में भवनों का निर्माण कार्य शुरू किया था। लेकिन सरकार बदल गई और आज तक वर्तमान विधायक ने स्कूल के भवनों में खिड़की दरवाजे और पेंट नहीं करवा सके, यह इनकी उपलब्धि है।

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